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बिहार के इस विद्यालय में शिक्षकों ने बनाया ज्ञान बगीचा, फूल-पौधों के माध्यम से होगी पढ़ाई

कैमूर के मोहनिया प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय कटरा कला के प्रधानाध्यापक आशुतोष कुमार के मेहनत के बदौलत लॉकडाउन की अवधि में यह ज्ञान बगीचा तैयार हुआ है. इस ज्ञान बगीचे को कोई नुकसान ना पहुंचाएं इसके लिए सीसीटीवी कैमरे से मॉनिटरिंग होती है.

ज्ञान बगीचा
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Published : Jul 5, 2020, 8:04 PM IST

कैमूर: जिले में एक विद्यालय बिहार का रोल मॉडल बन रहा है. विद्यालय में बच्चों की क्लास की पढ़ाई के साथ-साथ ज्ञान बगीचा का भी निर्माण कराया गया है. इस विद्यालय कैंपस के ज्ञान बगीचे में लगे लोहे के सिलापट पर गणित के सूत्र, विज्ञान के सिद्धांत, हिंदी व्याकरण का समास और संधि दिखाई देगा. जिससे बच्चों का बौद्धिक क्षमता बढ़ेगा और खेल-खेल में वह सीख सकेंगे. दरअसल, शिक्षकों ने अपने निजी फंड से लॉकडाउन की अवधि में यह ज्ञान बगीचा तैयार किया है. बच्चो को पढ़ाई बोझ न लगे इसलिए यह ज्ञान बगीचा बनाया गया है.

ज्ञान बगीचा

लॉकडाउन की अवधि में तैयार हुआ ज्ञान बगीचा
मोहनिया प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय कटरा कला के प्रधानाध्यापक आशुतोष कुमार के मेहनत के बदौलत लॉकडाउन की अवधि में यह ज्ञान बगीचा तैयार हुआ है. इस ज्ञान बगीचे को कोई नुकसान ना पहुंचाएं इसके लिए सीसीटीवी कैमरे से मॉनिटरिंग होती है. वहीं, जिले के डीएम ने भी ज्ञान बगीचे को सराहा है. विद्यालय के पूरे कैंपस में फूल पौधों के साथ-साथ पहली क्लास से दसवीं क्लास तक के बच्चों को सीखने के लिए सभी विषयों के साथ-साथ सामान्य ज्ञान की भी जानकारियां बोर्ड पर अंकित की गई है.

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'डीएम की प्रेरणा से लगाना शुरू किया था फूल-पौधे'
प्रधानाध्यापक आशुतोष कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी की प्रेरणा से हम लोगों ने डेढ़ साल पहले फूल और पौधे लगाना शुरू किया था. लेकिन जब लॉकडाउन हुआ तो हम लोगों ने ज्ञान बगीचा लगाने के लिए सोचे. जहां हम सभी शिक्षकों ने अपने निजी फंड से फूल-पौधों के पास बच्चों को सिखने के लिए जानकारियां लोहे के छोटे-छोटे पट्टी पर लिखकर लगा दिया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'शिक्षकों के मेहनत का दिख रहा नतीजा'
शिक्षक विनोद कुमार ने बताया कि बच्चे अगर बगीचे में घूमते हैं, तो पौधे के साथ उनके क्लास रूम की पढ़ाई भी सामने होती है. बगीचे में जगह-जगह बोर्ड के माध्यम से अलग-अलग आकृतियां भी बनाकर लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि यह हम सभी शिक्षकों के मेहनत का नतीजा है कि लॉकडाउन के अवधि में हमने ज्ञान बगीचा तैयार करा लिया है. बता दें कि यह विद्यालय प्राइमरी से लेकर दसवीं तक चलती है. लगभग पंद्रह सौ बच्चों का नामांकन विद्यालय में है.

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