कैमूर:जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए प्रशासन ने सभी प्रमुख मंदिरों के पटों को फिलहाल के लिए श्रद्धालुओं के दिए बंद करा दिया है. इसी कड़ी में जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के चैनपुर बाजार स्थित अति प्राचीन हरसू ब्रह्म धाम मंदिर के पट को भी कल प्रशासन के द्वारा बंद करा दिया गया. हालांकि मंदिर के पट बंद कराते समय प्रशासन को यहां पहुंचे कुछ श्रद्धालुओंकी ओर से विरोध का भी सामना करना पड़ा.
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अति प्राचीन हरसू ब्रह्म धाम मंदिर के पट किए गए बंद
बता दें कि शुक्रवार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुए आपात प्रबंधन कमेटी की विशेष बैठक में कोरोना संक्रमण को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इस दौरान सीएम के द्वारा निर्देश दिया गया था कि ज्यादा भीड़-भाड़ वाले इलाकों जिसमें मंदिर भी आते हैं, वहां फिलहाल के लिए कुछ पाबंदियां लगाई जाएं. इसी को लेकर चैनपुर प्रखंड के सीओ पुरेंद्र कुमार सिंह एवं थानाध्यक्ष उदय भानु सिंह यहां के चैनपुर मार्केट में स्थित अति प्राचीन हरसू ब्रह्म धाम मंदिरके पट को बंद कराने पहुंचे थे. इसी दौरान कुछ श्रद्धालुओं ने मंदिर को बंद किए जाने का विरोध किया.
कुछ श्रद्धालुओं ने मंदिर को बंद करने का किया विरोध
बता दें कि अधिकारी उस समय हरसू ब्रह्म धाम में पहुंचे थे जब अलग-अलग राज्यों के श्रद्धालु यहां बड़ी संख्या में पूजा के लिए पहुंचे हुए थे. इस दौरान अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से कोरोना गाइडलाइन्स के पालन कराने की बात कहते हुए निवेदन किया कि वे अपने घरों को वापस लौट जाएं. अधिकारियों कि यही बात बाहर से आए कुछ दर्शनार्थियों को पसंद नहीं आई और वे मंदिर के पट को बंद करने का विरोध करने लगे.
उनका कहन था कि शादी समारोह के दौरान जब 200 लोगों को सम्मिलित होने के लिए सरकार ने जब गाइडलाइन में कहा है तो तो मंदिर में कम से कम 50 की संख्या में लोग गाइडलाइन का पालन करते हुए क्यों नहीं आ सकते? श्रद्धालुओं ने अधिकरियों से सवाल किए कि धार्मिक स्थलों को क्यों बंद करवाया जा रहा है?
मंदिर में पुजारी के द्वारा होती रहेगी पूजा
हालांकि किसी तरह सीओ पुरेंद्र कुमार सिंह एवं थानाध्यक्ष उदय भानु सिंह ने श्रद्धालुओं समझाया और मनाकर उन्हें मंदिर से वापस किया. जिसके बाद हरसू ब्रह्म धाम मंदिर के पटों को 30 अप्रैल तक श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया. इस बारे में जानकारी देते हुए चैनपुर सीओ पुरेंद्र कुमार सिंह के बताया कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुरूप श्रद्धालुओं के लिए मंदिर का पट बंद करवा दिया गया है. हालांकि पुजारी के द्वारा सुबह शाम मंदिर में पूजा अर्चना का काम किया जाता रहेगा.