कैमूर(भभुआ): भभुआ व्यवहार न्यायालय (Bhabua Civil Court) में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत(National Lok Adalat) लगाया गया. मामलों के निष्पादन के लिए 12 बेंच बनाए गए थे जिसमें न्यायिक पदाधिकारियों के द्वारा मामलों का निष्पादन किया गया.
यह भी पढ़ें-न्यायिक मामलों के निपटारे में पटना और मुजफ्फरपुर के बाद नवादा को मिला तीसरा स्थान
राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन जिला जज सम्पूर्णा नंद तिवारी, डीएम नवदीप शुक्ला और एसपी राकेश कुमार के द्वारा किया गया. जहां जिले के विभिन्न जगहों से लोग अपने मामले को लेकर पहुंचे थे. वहीं जिला जज संपूर्णा नंद तिवारी ने बताया कि आज पूरे देश में हर जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हो रहा है, इसका उद्देश्य है कि छोटे-मोटे मामलों में आपसी सहमति के आधार पर तुरंत मुकदमों का निष्पादन किया जा सके.
मामले में दो पक्षों की उपस्थिति के दौरान दोनों की सहमति से निष्पादन कर दिया जाएगा. इसमें ना कोई कोर्ट फीस लगनी है ना ही वकील की जरूरत है. साथ ही किसी तरह का कोई कानूनी अड़चन भी नहीं है.- सम्पूर्णा नंद तिवारी, जिला जज, कैमूर
राष्ट्रीय लोक अदालत में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली. विभिन्न तरह के मामलों का 12 बेंचों में निष्पादन किया गया. अपराधिक मामले, बैंक से संबंधित मामले, बिजली से संबंधित मामले, बीमा संबंधित कई मामलों को 12 बेंच के माध्यम से निपटाया गया.
पीठासीन पदाधिकारी और उनके सदस्यों के द्वारा सुनवाई कर दो पक्षों की सहमति से मामलों का निष्पादन किया गया. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के आदेश पर आज पूरे देश में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाया गया है और जो भी छोटे छोटे मामले हैं उसका निष्पादन किया जा रहा है.
बता दें कि राष्ट्रीय लोक अदालत मामलों का त्वरित निपटारा कर न्यायपालिका के लंबित मामलों का भार कम कर न्यायपालिका की सहायता करती है. इसमें लंबित वाद, सुलहनीय आपराधिक वाद, बैंक ऋण वसूली वाद, मोटर दुर्घटना दावा, न्यायाधिकरण वाद, वैवाहिक वाद, श्रम वाद, भूमि अधिग्रहण मामले, राजस्व मामले, विद्युत, पानी बिल, सेवा, बैंक, इंश्योरेंस आदि मामले निपटाए जाते हैं.
लोक अदालत ऐसा मंच या फोरम है, जहां न्यायालय में लंबित या मुकदमे के रूप में दाखिल नहीं किए गए मामलों का सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटारा किया जाता है. यह सामान्य न्यायालयों से अलग होता है, क्योंकि यहां विवादित पक्षों के बीच परस्पर समझौते के माध्यम से विवादों का समाधान किया जाता है. ग्यारह सितंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मुकदमे निपटाने का प्रयास किया गया. अधिकारियों को अपने विभागों से संबंधित दरखास्तों को जल्द से जल्द डिस्पोज एवं निपटान करने के निर्देश दिए गए.
यह भी पढ़ें-लखीसरायः व्यवहार न्यायालय में साल की पहली लगाई गई राष्ट्रीय लोक अदालत, 8 बेंचों का किया गया गठन
यह भी पढ़ें-मधेपुरा: जिला कोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, बैंक ऋण से संबंधित मामलों का हुआ निष्पादन