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कैमूर के वाटर लेवल में 10 फीट का इजाफा, पहाड़ पर बसे 108 गांवों में पानी की किल्लत होगी दूर - ग्रामीण धानी देवी

डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि पूरे प्रदेश में वाटर लेवल की बढ़ोतरी हुई है. खुशी की बात यह है कि सबसे अधिक कैमूर जिलें में 10 फीट का इजाफा हुआ है. ऐसे में प्रशासन और पब्लिक दोनों के बीच एक उम्मीद जागी है कि शायद इस गर्मी में उनके पिछले कई दशकों से पानी की समस्या दूर हो सकेगी.

वाटर लेवल में 10 फीट इजाफा
वाटर लेवल में 10 फीट इजाफा

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Published : May 31, 2020, 7:58 PM IST

कैमूर: जिले के अधौरा प्रखण्ड कैमूर पहाड़ी पर बसा हुआ है. इस प्रखंड में 108 गांव हैं. हर साल पूरे प्रखण्ड के 80 प्रतिशत गांव में गर्मियों के दिनों में पानी की किल्लत आम बात है. प्रखंड की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि कई गांव में वाटर टैंकर से पानी पहुंचना भी नामुमकिन है. ऐसे में गर्मियों के दिनों में इस प्रखण्ड की प्यास भुझाना जिला प्रशासन के लिए चुनौती साबित होता है. हालांकि इस बार इस दफा कैमूर जिलें ने पानी की किल्लत को देखते हुए राहत भरी सांस ली है.

डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने ईटीवी से खास मुलाकात में यह बताया कि पूरे प्रदेश में वाटर लेवल की बढ़ोतरी हुई है. खुशी की बात यह है कि सबसे अधिक कैमूर जिलें में 10 फीट का इजाफा हुआ है. ऐसे में प्रशासन और पब्लिक दोनों के बीच एक उम्मीद जागी है कि शायद इस गर्मी में उनके पिछले कई दशकों से पानी की समस्या दूर हो सकेगी.

वाटर लेवल में 10 फीट का इजाफा

वाटर लेवल में 10 फीट का इजाफा
बता दें कि पहाड़ पर बसे अधौरा के आज भी ऐसे दर्जनों गांव है जहां पानी टैंकर को ले जाना संभव नहीं है. कई गांव में अभी तक पहुंचने के लिए रास्ता भी नहीं उपलब्ध है. ईटीवी भारत से खास मुलाकात में जिलाधिकारी डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि जिले के लिए इस गर्मी राहत भरी खबर है कि पूरे प्रदेश की तुलना में 10 फीट वाटर लेवल में इजाफा हुआ है. यह प्रशासन और पब्लिक दोनों के संयुक्त कोशिश से संभव हुआ है. अधौरा प्रखंड के बारे में जिलाधिकारी ने बताया कि अभी से 4 टैंकर पानी अधौरा भेजा जा रहा है. जिला प्रशासन के पास कुल 29 वाटर टैंकर है. जिस गांव जिस पंचायत में पानी की समस्या होगा कि टैंकर से पानी भेजा जाएगा.

वाटर लेवल में बढ़ोतरी

नल जल योजना का काम चालू
डीएम ने बताया कि नल जल योजना का काम भी जोर शोर से चल रहा है और कई गांव में चालू भी किया जा चुका है. जिलें के वाटर लेवल में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि इस बार अधौरा प्रखण्ड के किसी गांव में पानी की समस्या इस बार उत्पन्न नहीं होगी. अगर समस्या होगी तो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. ग्रामीण सोनी देवी का कहना है कि पानी भरने के लिए कुआं पर जाती है. गर्मियों में पानी का स्तर नीचे चल जाता है. ऐसे में काफी परेशानी होती है. उन्होंने बताया कि एक कुएं का पानी जानवर और इंसान सभी पीते हैं. ऐसे में काफी परेशानी होती है. लेकिन क्या करें मजबूरी है. सालों से ऐसे ही चला आ रहा है.

गर्मियों के दिनों में पानी की समस्या
ग्रामीण धानी देवी और मंजीत कुमार ने बताया कि गांव में सबसे अधिक पानी की समस्या है. गर्मियों के दिनों में तो पीने का पानी मुश्किल से मिल पाता है खेत बाड़ी एकदम ठप पड़ जाती है. उन्होंने बताया कि बारिश होती है तो खेती होती है वरना नहीं हो पाती है. गर्मियों में पानी की समस्या सबसे अधिक होती है. पहाड़ के रास्ते घाटियों में पैदल चलकर ग्रामीण शहर जाने के लिए लिए नीचे उतरते हैं. रास्ते मे कहीं भी पानी का इंतजाम नहीं मिलता है. ऐसे में गर्मियों में लोग पानी की भारी कमी के आभाव में जीते हैं. हालांकि इस बार प्रशासन से यह दावा किया है कि पूरे अधौरा प्रखंड में पानी की समस्या नही होने देंगे अब देखना यह होगा कि प्रशासन का यह दावा कितना सफल साबित होता है.

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