कैमूर: बिहार के कैमूर में चल रहे जाति आधारित गणना में खरवार जाति के गणना में कर्मियों द्वारा खतियान और जाति प्रमाण पत्र मांगे जाने का मामला पटना अनुसूची जनजाति आयोग तक पहुंचा गया है. तो अनुसूचित जनजाति के बिहार अध्यक्ष शंभू कुमार सुमन कैमूर पहुंच गए. उन्होंने जिलाधिकारी सावन कुमार सहित विभागीय अधिकारियों से समीक्षा बैठक कर कई निर्देश दिया.
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इन कागजात की नहीं है जरूरत: बता दें कि आयोग को आवेदन मिला था कि जातिय आधारित गणना में कर्मियों द्वारा खरवार जाति के लोगों से खतियान और जाति प्रमाण पत्र की मंग की जा रही है. जब कि विभागीय यह गाइड लाइन में नहीं है कि जातिय आधारीय गणना में जाति या खतियान सहित कोई कागजात की जरूरत है. सूचना मिलने के बाद आयोग के अध्यक्ष ने पटना सामान्य साखा के अधिकारियों को जानकारी दी. जिसमें उन्हें साफ कहा गया कि कोई भी कागजात की जाति आधारित गणना में जरूरत नहीं है.
क्या बोले अनुसूचि जनजाति बिहार के अध्यक्ष: अनुसूचित जनजाति आयोग बिहार के अध्यक्ष शंभू कुमार सुमन ने बताया कि आयोग को शिकायत मिली कि कैमूर जिले में जाति आधारित गणना करने वाले कर्मियों द्वारा खरवार जाति के लोगों से खतियान और जाति प्रमाण पत्र मंगा जा रहा है. जिसके लिए तत्काल पटना सामान्य साखा के वरीय अधिकारियों से कहा गया. उनका साफ कहना था कि जाति आधारित गणना में कोई भी कागजात नहीं लगता है.
विभागीय अधिकारियों आदेश: आगे उन्होंने कहा कि भूमि विवाद का भी मामला आया है जिसको लेकर विभागीय अधिकारियों से कहा गया कि जल्द निपटरा करें. कैमूर, रोहतास, गोपालगंज, सिवान, बक्सर और आरा में खरवार जाति जो अनुसूचित जनजाति में आते है, उन्हें जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए अधिकारी परेशान कर रहे हैं. पुराने जाति प्रमाण पत्र को भी वो नहीं मानते वैसे अधिकारियों को सख्त आदेश जारी किया जाता है कि विभागीय आदेश के बिना लोगों को परेशान करना बंद करे. नहीं तो सभी पर आयोग द्वारा कार्रवाई की जाएगी.
"आयोग को शिकायत मिली थी कि कैमूर में जाति आधारित गणना करने वाले कर्मियों द्वारा खरवार जाति के लोगों से कई कागजात की मंगा की गई थी. जिसे लेकर तत्काल पटना सामान्य साखा के वरीय अधिकारियों से से संपर्क कर आगे के लिए आदेश दिया गया है. जाति आधारित गणना में कोई भी कागजात नहीं लगता है."-शंभू कुमार सुमन, अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति बिहार