कैमूर (भभुआ):बिहार के कैमूर जिले के कुल्हड़िया गांव में सीमेंट फैक्ट्री है, जो आसपास के लोगों को रोजगार देती है. लेकिन, समस्या तब उत्पन हुई जब फैक्ट्री में प्रोडक्शन शुरू हुआ और आसपास के लोगों को इससे काफी दिक्कत होने लगी है, क्योंकि लगभग दस साल से ये फैक्ट्री चल रही है और उससे निकलने वाला प्रदूषित धुआं आसपास के किसानों के खेत में जाकर उनकी फसल को बर्बाद (Farmer Fields ruined by Cement Factory) कर रहा है, इसके साथ-साथ उनकी जमीनों को कम उपजाऊ बना रहा है.
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जमीन की उपजाऊ क्षमता घटी:हर साल जमीन की उपजाऊ करने की क्षमता कम हो रही है, जिससे वहां के किसान काफी परेशान हैं. बता दें कि वहां के किसानों ने बातचीत के दौरान बताया कि फैक्ट्री आने से पहले यहां लगभग 1 बीघा में 10 कुंटल धान होता था, लेकिन अब यह पैदावार आधी हो चुकी है, जिससे हम काफी परेशान हैं और कोई भी फसल यहां जल्दी बढ़ती नहीं है. पहले यहां के लोग चने और सरसों की खेती करते थे, लेकिन फैक्ट्री आने के बाद यहां के लोग केवल धान और गेहूं की खेती कर रहे हैं.
डस्ट से सफेद हो रही जमीन:इस फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषण से अच्छी तरीके से फसल भी नहीं हो रही है, जिससे हमें काफी नुकसान सहना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि फैक्ट्री के आसपास के खेतों की मिट्टी दिन-प्रतिदिन सफेद हो रही है. किसानों की माने तो उनका कहना है कि अगर मिट्टी सफेद हो रही है तो इसका मतलब मिट्टी की उपजाऊ क्षमता हर वर्ष कम हो रही है. सिंचाई करने के बाद थोड़ी बहुत फसल यहां दिख रही है. लेकिन, आसपास के जो घास फूस है, वह सीमेंट फैक्ट्री से निकले हुए डस्ट की वजह से सफेद हो चुके हैं. जांच के लिए गठित समिति में कैमूर के डीएम को भी शामिल किया गया है. समिति को कार्रवाई की रिपोर्ट तीन महीने के भीतर देने का निर्देश दिया गया है.