कैमूर(भभुआ):जिले में धान की कटनी के बाद खेतों में अवशेष जलाने को रोकने और किसानों को जागरूक करने को लेकर डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने किसानों से खास अनुरोध किया. डीएम ने बताया कि हार्वेस्टर से धान कटनी करने पर खेतों में भारी मात्रा में अवशेष बच जाता है. जिसके बाद किसान उसे खेत में ही जला देते हैं.
कैमूर डीएम की किसानों से अपील- मत जलाएं पराली
कैमूर डीएम ने धान की कटनी के अवशेष को जलाने से रोकने को लेकर प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने किसानों से पर्यावरण का हित सोचते हुए कार्य करने की बात कही.
डीएम ने किसानों से आग्रह किया है कि पर्यावरण के हित को ध्यान में रखें और पराली न जलाएं. यह पर्यावरण को प्रदूषित करता है. साथ ही भूमि की उर्वरता शक्ति को भी समाप्त कर देता है. ऐसे में किसान कटनी के बाद अवशेष को जलाने की बजाए उसका सही प्रबन्धन करें.
दोषी पाए जाने पर होगी कार्रवाई
बता दें कि हार्वेस्टर में हैपी सीडर, सुपर सीडर, स्ट्रा बेलर, स्ट्रा रीपर और रोटरी मल्चर यन्त्र का इस्तेमाल कर धान के कटे अवशेष को पशुओं के लिए चारा बना सकते हैं. सभी यंत्रों पर 75 प्रतिशत अनुदान है. डीएम ने कहा कि हिदायत के बावजूद भी जो किसान खेतों में पराली जलाते पाए जाएंगे उनपर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.