कैमूर: कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर पीएम मोदी ने पूरे देश में एहतियात को तौर पर पूरे देश में लॉकडाउन करने का आदेश दिया है. लॉक डाउन का सबसे ज्यादा असर दैनिक मजदूरों पर होता दिख रहा है.दिहाड़ी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. इस वजह से देश के विभिन्न प्रदेशों में रहकर काम करने वाले बिहारी मजदूरों का जीना हलकान हो गया है. ऐसे में ये मजदूर किसी भी किमत पर अपने घर को वापस आना चाहते हैं. देश में यातायात के साधन लगभग ठप हैं. ऐसे में एनएच 2 दिल्ली- कोलकाता हाईवे पर यूपी के रास्ते बिहार में जितनी छोटी प्राइवेट गाड़ियां आ रही है. उनमें से अधिकतर दिल्ली और हरियाणा के नंबर वाले वाहनों की संख्या सबसे अधिक है.
लॉकडाउन इम्पैक्ट: घर लौटने की चाहत में प्राइवेट टैक्सी और पैदल आ रहे बिहारी मजदूर - दिहाड़ी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा
कोरोना संक्रमण का असर लोगों के कारोबार पर भी पड़ने लगा है. दिहाड़ी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. ऊपर से संक्रमण फैलने का डर है. इस स्थिति में दिल्ली-एनसीआर में मेहनत-मजदूरी करने वाले लोग घर लौटने लगे हैं. यातायात के सभी साधन बंद होने के बावजूद मजदूर वर्ग के लोग वापस पैदल और प्रइवेट टैक्सी के सहारे अपने-अपने घर वापस आ रहे हैं.
'प्राइवेट टैक्सी बुक कर आ रहे वापस'
दिल्ली से अपने परिवार के साथ वापस लौट रहे टैक्सी ड्राइवर कमलेश पाल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सड़क पर गाड़ियां नहीं चल रहीं है. ऐसे में दिल्ली जैसे शहरों में बिना पैसे के रहने में काफी परेशानियों का सामना करना पर रहा था. ऊपर से संक्रमण का खतरा भी था. इस वजह से वे लोग अपनी जमा पूजी की राशि से प्राइवेट टैक्सी बुक कर परिवार सहित वापस गांव वापस आना ही बेहतर समझा. उन्होंने बताया कि रास्ते में लॉक डाउन के वजह से सन्नाटा पसरा हुआ था. पूरे रास्ते में कहीं पर कोई मदद नहीं मिली. गांव में खेती कर किसी तरह से गुजारा हो जाता है. जान है तो जहान है. इस वजह से वे लोग गांव वापस आ गए.
'प्राइवेट छोटे वाहनों को पार करवाया जा रहा'
वहीं, इस मामले पर मोहनियां टोल प्लाजा पर मौजूद एसडीएम शिव कुमार रावत ने बताया कि इमरजेंसी सेवा के तहत प्राइवेट छोटी गाड़ियों को कैमूर जिलें में बिना रुके पार कराया जा रहा है. हालांकि, जो लोग कैमूर जिले के रहने वाले हैं, उनका सबसे पहले अस्पताल में स्क्रीनिंग करवाया जा रहा है. एसडीएम ने बताया कि दिल्ली, हरियाणा की तरफ से अधिकांश गाड़ियां आ रहीं है. गौरतलब है कि दिल्ली और अन्य प्रदेशों में फंसे कई दिहाड़ी मजदूर वापस घर आने की चाहत में पैदल ही रास्ते को नाप रहें हैं.