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बोले चिराग- CAA पर क्यों मचा रहे हो बवाल, एक बार सही से सुन लो गृह मंत्री का बयान - latest news

ईटीवी भारत से बात करते हुए चिराग पासवान ने एनआरसी के मुद्दे पर कहा कि ये तो जब देश में लागू होगा, तब देखा जाएगा कि इसमें क्या-क्या प्रस्ताव हैं. फिलहाल, इसे बिना पढ़े और इसकी समीक्षा किए बिना मैं एनआरसी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता हूं.

चिराग पासवान, जमुई सांसद
चिराग पासवान, जमुई सांसद

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Published : Dec 16, 2019, 6:17 PM IST

जमुई: जिले में आयोजित एलजेपी के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे सांसद सह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने नागरिकता संशोधन एक्ट पर मचे बवाल को लेकर कहा कि ये समझ से परे है. पता नहीं क्यों प्रदर्शन किया जा रहा है, जबकि ये देश में रह रहे लोगों के लिए है ही नहीं. विपक्ष ने इस एक्ट पर गलत हवा बना दी है.

चिराग पासवान ने कहा कि लोगों को गृह मंत्री अमित शाह का सदन में दिया गया बयान सुनना और पढ़ना चाहिए. ये तीन देशों के लोगों को भारत में नागरिकता देने के लिए लाया गया एक्ट है. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में विपक्ष पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की भाषा बोल रहा है. लोगों में भ्रम फैलाकर अराजकता का माहौल बना रहा है.

चिराग पासवान, जमुई सांसद

नागरिकता संसोधन विधेयक जिस तरीके से आया इससे स्पष्ट है कि भारत में रहने वाले मूल निवासियों का इससे कुछ लेना-देना नहीं है. भारत के अल्पसंख्यक समाज का इससे कुछ लेना-देना नहीं है- चिराग पासवान, जमुई सांसद

बिहार में एनआरसी पर क्या बोले चिराग
वहीं, ईटीवी भारत से बात करते हुए चिराग पासवान ने एनआरसी पर कहा कि ये तो जब देश में लागू होगा, तब देखा जाएगा कि इसमें क्या-क्या प्रस्ताव हैं. फिलहाल, इसे बिना पढ़े और इसकी समीक्षा किए मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता हूं. वहीं बिहार में एनआरसी को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूरी तरह से अधिकार क्षेत्र है. वो पूरी तरह से स्वतंत्र हैं. सीएम नीतीश को अपने प्रदेश के लिए जो भी उचित लगेगा, वो निर्णय ले सकते हैं. अगर उन्होंने निर्णय लिया है कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगी, तो जरूर कुछ सोच-समझकर निर्णय लिया होगा.

कोई क्यों करे अभद्र टिप्पणी- चिराग
नेताओं की अभद्र टिप्पणी और व्यवहार पर चिराग पासवान ने कहा कि युवा या बुजुर्ग सभी को मर्यादा का हमेशा ख्याल रखना चाहिए. छोटे हमेशा बड़े से सीखते हैं. बड़ो को अपना आदर्श मानते हैं. चुनाव होते रहते हैं और राजनीति चलती रहती है. इसका मतलब ये नहीं कि आप अपनी मर्यादा भूल जाएं. अपके बोले गए शब्द ही आपकी छवि को दर्शाते हैं. ऐसे में शब्दों की मर्यादा बहुत जरूरी है.

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