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सिकंदरा MLA ने मंत्रियों से की बात, सिंचाई परियोजनाओं को दुरूस्त करने की उठाई मांग

जमुई के सिकंदरा से विधायक प्रफुल्ल मांझी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिहार सरकार के मंत्रियों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने जिले के सिंचाई परियोजनाओं को दुरुस्त करने की मांग की.

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Published : May 23, 2021, 9:48 PM IST

जमुई
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जमुई:जिले के सिकंदरा विधानसभा से विधायक प्रफुल्ल मांझी ने जमुई में सिंचाई परियोजनाओं को दुरुस्त करने को लेकर बिहार सरकार के मंत्रियों से बातचीत की. जहां विधायक ने विभाग के मंत्री से कहा कि किसानों के हित के लिए कार्य करने जरुरत है.

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विधायक ने मंत्री ने की बातचीत
विधायक ने वर्चुअल तरीके से सूबे के जल संसाधन मंत्री संजय झा और ग्रामीण विकास मंत्री जयंत राज से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अपर किउल जलाशय योजना से निकले मुख्य नहर, गिद्धेश्वर नहर, अलीगंज प्रखंड के नाडा नदी से निकले करहर नहर, सिकंदरा प्रखंड के कैलाश डैम से निकले मुख्य नहर का जीर्णोद्धार शीघ्र किया जाए. ताकि नहर के आखिरी छोर पर अवस्थित खेतों की सिंचाई सुचारू तरिके से हो सके. इसके अलावे उन्होंने कहा कि जिले के महत्वपूर्ण कुंडघाट जलाशय परियोजना को भी शीघ्र पूरा किया जाए.

विधायक ने कहा कि इन सभी नहरों में घास और जंगली झाड़ियों के कारण सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह से जर्जर हो गई है. उन्होंने गिद्धेश्वर नहर से निकले घनबेरिया वितरणी, खैरा वितरणी, डूमरकोला वितरणी सहित अनेक नहर शाखा की जर्जर स्थिति की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए उसकी मरम्मत कराने की भी मांग की है. वहीं किसानों की चिरप्रतीक्षित कुण्डघाट जलाशय परियोजना के दिन बहुरने की संभावनाओं पर ग्रहण लगा है.

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कुण्डघाट जलाशय परियोजना पर लगा ग्रहण
दरअसल बीते अगस्त 2020 में अभियंता प्रमुख भागलपुर अशोक कुमार चौधरी ने कार्यों में अनियमितता को लेकर कुण्डघाट जलाशय निर्माण एजेंसी विजेता एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को काली सूची में डालने की अनुसंशा की थी. तबसे निर्माण कार्य पर ब्रेक लगा है. बता दें कि किसान संघर्ष समिति के द्वारा योजनाओं के निर्माण में घटिया सामग्री को प्रयुक्त किये जाने के साथ अनियमितता संबंधित पत्र अभियंता प्रमुख को समर्पित किया गया था. जिसके आलोक में जांच के बाद यह कार्रवाई की गई.

हालांकि निचले स्तर से जांच किये जाने पर अनियमितता के घेरे में चीफ इंजीनियर के अलावा कार्यपालक अभियंता और अन्य कई अभियंता के नाम सूचीबद्ध है. किसानों का मानना है कि किसानों की इस बहुप्रतीक्षित परियोजना में अनियमितता की दीवार का अंत नहीं है. किसानों ने कुण्डघाट योजना के कायाकल्प को लेकर मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर जानकारी दी है.

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