जमुई: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने सोमवार को ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों की संपत्ति के जांच की मांग की. पूर्व मंत्री के अनुसार पिछले 30 से 40 साल में राजनीतिक दलों की ओर से जाति-धर्म और लूट-खसोट के माध्यम से सत्ता और संपत्ति अर्जित करना बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण रहा है.
पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने की मंत्रियों के संपत्ति की जांच की मांग - पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह
नरेंद्र सिंह ने कहा कि पहले की अपेक्षा अब राजनीति में बदलाव आ गया है. पहले नेता अपनी संपत्ति लगाकर समाज की सेवा करते थे. उनके लिए राजनीति धन इकट्ठा करना नहीं बल्कि दान-धर्म का मार्ग था. उन्होंने बताया कि पहले पहल नेता गांधी, लोहिया और जयप्रकाश की राह पर चल रहे थे. वहीं, आज लोगों ने धन लोलुपता और शोषण की राजनीति पर चलकर महापुरुषों की अनदेखी कर रहे हैं.
नरेंद्र सिंह ने कहा कि पहले की अपेक्षा अब राजनीति में बदलाव आ गया है. पहले नेता अपनी संपत्ति लगाकर समाज की सेवा करते थे. उनके लिए राजनीति धन इकट्ठा करना नहीं बल्कि दान-धर्म का मार्ग था. उन्होंने बताया कि नेता जीवन का मूल्य सेवा करना था. पहले पहल नेता गांधी, लोहिया और जयप्रकाश की राह पर चल रहे थे. वहीं, आज लोगों ने धन लोलुपता और शोषण की राजनीति पर चलकर महापुरुषों की अनदेखी कर रहे हैं.
'राजनेता गलत काम के जरिए इकट्ठा कर रहे धन'
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री ने कहा कि आज राजनीतिक परिवेश इतना बिगड़ गया है कि सभी पार्टी प्राइवेट कंपनी बनी हुई है. प्राइवेट कंपनियों के पास इतना धन है कि मीडिया के माध्यम से बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार, डीजीटल प्रचार और कार्यकताओं को बड़े-बड़े मोबाइल दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि आजकल राजनेता गलत काम के जरिए धन इकट्ठा कर लोगों को दिशाहीन बना रहे हैंं.