जमुईः गर्मी शुरू होते ही अगलगी की घटनाएं बढ़ जाती हैं. हर साल करोड़ों की संपत्ति राख हो जाती हैं. कई लोग बेघर हो जाते हैं. इस साल भी कुछ ऐसा ही आलम है.
अभी तो गर्मी की शुरुआत हुई है और अगलगी की घटनाओं में इजाफा हो गया है. चिंता इस बात की है कि बिहार अग्निशमन सेवा के तहत कार्य कर रहे जिला स्थित विभाग में संसाधनों का घोर अभाव है. पिछले साल की अगर बात करें तो जिले में कुल 67 अगलगी की घटनाएं घटी थी. जबकि इस साल जनवरी में 7 अगलगी की घटनाएं हुईं, फरवरी में 8, मार्च में 18 और अप्रैल महीने तक आठ अगलगी की घटनाएं हो चुकी हैं.
अग्निशमन गाड़ियों की कमी
चिंता की बात ये है कि जिला मुख्यालय में महज तीन अग्निशमन वाहन हैं. जिसमें एक खराब पड़ा है. दरअसल जिला मुख्यालय में कम से कम 6 दमकल की गाड़ियों का होना आवश्यक है, जिसमें महज 4 दमकल की गाड़ी ही उपलब्ध हैं. केवल तीन गाड़ियों के भरोसे जमुई जिला मुख्यालय है. वहीं, दमकल कार्यालय में कर्मियों की भी कमी है. बताया जा रहा है कि अग्निशमन विभाग के पास एक भी सरकारी चालक नहीं हैं. पर्यटन विभाग के चालक से दमकल गाड़ियों का परिचालन किसी तरह किया जा रहा है.
अग्निशमन विभाग में खड़ी गाड़ी क्या कहते हैं अधिकारी
जिला अग्निशमन पदाधिकारी भगवत चौधरी ने बताया कि मानक के हिसाब से जिले में 24 दमकल की गाड़ियों की जरूरत हैं. लेकिन 10 दमकल के सहारे जिले में आग बुझाने का काम चलाया जा रहा है. जिले में कुल 16 थाने हैं, जिसमें से सिर्फ छह थाना सिकंदरा, झाझा, लक्ष्मीपुर, सिमुलतला, चकाई और चंद्र मंडी थाने में एक छोटी दमकल की गाड़ी उपलब्ध हैं. जबकि जिला मुख्यालय में एक छोटी और एक दमकल की गाड़ी उपलब्ध है.
अग्निशमन विभाग में नहीं है गाड़ी कर्मचारियों की भारी कमी
एक दमकल गाड़ी पर कम से कम एक चालक एक हवलदार और चार सिपाही का होना जरूरी है. लेकिन दमकल कर्मियों के अभाव से अगलगी जैसी भीषण घटनाओं पर काबू पाने में विभाग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं, हालात यह है कि दमकल कर्मचारियों के अभाव में अग्निशमन पदाधिकारी कार्यालय में ही अपना आवास बना रखे हैं. ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में आग पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके.