बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बदहाली पर आंसू बहा रहा है झाझा रेलवे स्टेशन, मुलभूत सुविधाओं से भी है वंचित

झाझा रेलवे स्टेशन कभी अपनी भव्यता और लोको इंजन को लेकर रेल नगरी के नाम से प्रचलित था. लेकिन समय के साथ-साथ सरकारी उदासीनता के चलते यहां की भव्यता और प्रसिद्धि धूमिल होती चली गई.

झाझा रेलवे स्टेशन मुलभूत सुविधाओं से है वंचित

By

Published : May 27, 2019, 11:46 PM IST

जमुईः स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया गया सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है. देश में इसका प्रभाव भी दिखा. कई जगहों पर स्वच्छता मिशन कामयाब रहा लेकिन कई जगहों पर स्वच्छता मिशन फेल नजर आया. जिसका जीता जागता उदाहरण झाझा रेलवे स्टेशन है. यहां स्वच्छता मिशन के नाम पर करोड़ों खर्च किए गए लेकिन हालत जस के तस है.

झाझा रेलवे स्टेशन मुलभूत सुविधाओं से है वंचित

कभी रेल नगरी के नाम से झाझा की प्रसिद्धि थी
झाझा रेलवे स्टेशन कभी अपनी भव्यता और लोको इंजन को लेकर रेल नगरी के नाम से प्रचलित था. लेकिन समय के साथ-साथ सरकारी उदासीनता के चलते यहां की भव्यता और प्रसिद्धि धूमिल होती चली गई. वर्तमान में यहां यात्रियों की सुविधा और साफ-सफाई को अगर देखा जाए तो इस स्टेशन का नाम सबसे निचले पायदान पर नजर आएगा. स्टेशन पर ना तो शौचालय की व्यवस्था है ना ही स्टेशन पर पीने के पानी की व्यवस्था है.

झाझा रेलवे स्टेशन मुलभुत सुविधाओं से है वंचित

प्लेटफॉर्म पर अवैध वेंडरों की है भरमार
बता दें कि झाझा रेलवे स्टेशन पर पूरे 24 घंटे में सैकड़ों गाड़ियां रूकती हैं. स्टेशन पर अवैध वेंडरों की भरमार है. हालांकि अधिकारी संजीव सिन्हा के उपर स्टेशन परिसर और प्लेटफॉर्म के रखरखाव की जिम्मेदारी है. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो तो उन्होंने कहा कि मामले को जल्द ही संज्ञान में लेते हुए समस्या का समाधान किया जाएगा.

झाझा रेलवे स्टेशन मुलभुत सुविधाओं से है वंचित

सरकारी उदासीनता के कारण बदहाल है झाझा स्टेशन
बता दें कि सामूहिक जिले में स्थित झाझा रेलवे स्टेशन दानापुर रेल मंडल के अधीन है. जिसके रखरखाव और व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी इसी रेल मंडल की है. लेकिन जिस तरह की व्यवस्था और रखरखाव झाझा रेलवे स्टेशन की है और यहां साफ-सफाई कि जिस तरह स्थिति बनी हुई है. रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details