जमुई : यह जिला हमेशा से नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता है. ऐसे में जिले का विकास जिला प्रशासन और सरकार के लिए हमेशा चुनौतीपुर्ण होता है. अब ऐसे में इन विपरीत परिस्थितियों के बाबजूद जिले का विकास क्षेत्र में अव्वल आना वाकई एक सुखद खबर होता है. इस मामले पर जमुई के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि यदि सरकारी योजनाएं 'ग्रास रूट' यानी जिले के हर अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक पहुंचेगी तो जिले का विकास स्वयं दिखेगा.
नीति आयोग की रैंकिंग में जमुई जिला को प्रथम स्थान
नीति आयोग की रैंकिंग में जमुई जिला को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. देशभर के 114 पिछड़े जिलों में सबसे तेज गति से विकास को लेकर नीति आयोग की रैंकिग में जमुई को पहला स्थान प्राप्त हुआ है. जिले को यह रैकिंग वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में बेहतर कार्य को लेकर मिला है.
जमुई जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार साहूकारी-महाजनी हटने से लोगों को होगा लाभ -डीएम
जिले के डीएम धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि सरकारी सेवाएं अगर विकास से वंचित जिले के हर अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक पहुंचेगी तब समाज से सेठ, साहूकारी, महाजनी वाली स्थिति हटेगी. तब लोग समाज विकास की मुख्य धारा में स्वत: अग्रसर हो जाऐंगे.
टॉप टेन में नहीं है बिहार का कोई अन्य जिला
देश के 114 आकांक्षी जिलों में जमुई ने पहला, उत्तरप्रदेश का बलरामपुर दूसरा, हरियाणा का मेवांत तीसरा, झारखंड का दुमका चौथा और छत्तीसगढ़ का बीजापुर जिला पांचवा स्थान हासिल किया है. आकांक्षी जिला में प्रदेश के 15 अन्य जिले शामिल है लेकिन टॉप टेन में एक भी जिला का नाम नहीं आया वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में जमुई के बाद बिहार से 28 वें नंबर पर नवादा का नाम दर्ज किया गया है.
अटल पेंशन योजना में लगाई लंबी छलांग
वित्तीय समावेशन में जिले ने इस साल काफी तेज गति से विकास किया है. जहां मार्च 2018 में 8.34 लोगों ने मुद्रा लोन हासिल किया था, वहीं मार्च 2019 में 13 लोगों का नाम दर्ज है. अटल पेंशन योजना की स्थिति 2018 में जहां एक लाख की आबादी में 517 लोगों ने योजना का लाभ लिया वहीं एक साल में यह बढ़कर 1242 हो गई. इस उपलब्धि के पूर्व कृषि के क्षेत्र में भी जमुई ने पहला स्थान हासिल किया था. पहला स्थान हासिल करने पर नीति आयोग की ओर से तीन करोड़ अतिरिक्त राशि प्राप्त हुई थी .
जिलें में अब भी कई समस्याएं- डीएम
जमुई को हमेशा से सुखे की मार झेलना परता है.गत वर्ष भी जिले के सभी 10 ब्लॉक में सूखाग्रस्त था.इसलिए बिहार सरकार की ताल तलैया योजनाअंतर्गत जिले के सभी पोखर,पैन और तलाब का पता लगा कर भौतिक स्थिति को समझा रहा है.