जमुई: वैश्विक महामारी कोरोनाको देखते हुए 1 से 8वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को सरकार ने बंद रखा है. इन बच्चों की पढ़ाई न रूके इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था की है. लेकिन गरीब बच्चों के पास पढ़ाई के लिए स्मार्ट फोन की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में कई संस्थाएं इन बच्चों को निशुल्क पढ़ा रही हैं.
कोरोना गाइडलाइन का पालन
जिले के वरहट प्रखंड अंतर्गत विजयसागर के एक कोचिंग सेंटर में 30 बच्चों को खुले आसमान के नीचे पढ़ाया जा रहा है. सरकार लोगों से लगातार मास्क लगाने, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील कर रही है. वहीं यहां कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है.
खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं बच्चे
कोरोना काल में खुले आसमान के नीचे खेत खलिहान में बच्चों की पाठशाला लगती है. यहां क्लास 1 से 5 तक के 30 बच्चे बच्चियां पढ़ाई करते हैं. लेकिन कोरोना से बचाव के लिए यहां न तो मास्क और न ही सैनेटाइजर की व्यवस्था है. सभी बच्चे बिना मास्क के खुले आसमान के नीचे बोरे पर बैठकर पढ़ाई करते हैं.
"कोरोना वायरस मास्क नहीं लगाने और सैनेटाइजर का इस्तेमाल नहीं करने पर फैलता है. अभी तक हमलोगों को मास्क और सैनेटाइजर नहीं मिला है. यहां कोरोना से बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं है."- अंकित कुमार, छात्र
संस्था की ओर से चलाए जा रहे निशुल्क कोचिंग संस्थान
सरकार ने कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान न आए इसके लिए ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था की है. लेकिन गरीब बच्चों के पास ऑनलाइन क्लासेज के लिए स्मार्ट फोन की व्यवस्था नहीं है. इसिलिए ये बच्चे आस-पास में संस्था की ओर से चलाए जा रहे निशुल्क कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं.
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कोरोना को लेकर नहीं है कोई व्यवस्था
बच्चों को निःशुल्क टयूशन दे रही शिक्षिका स्वेता कुमारी ने बताया कि यहां अक्टूबर महीने से बच्चों को समग्र सेवा संस्था की ओर से पढ़ाया जा रहा है. बच्चों की सुरक्षा के लिए कोरोना को लेकर कोई व्यवस्था न होने पर उन्होंने चुप्पी साध ली. बता दें कि सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को बच्चों को मास्क और सैनेटाइजर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.