बिहार

bihar

ETV Bharat / state

जमुईः नवरात्रि में दुर्गा मंदिर खैरा में भक्तों की भीड़, दंडवत देते पहुंचते हैं भक्त - jamui news

200 साल पहले निर्मित दुर्गा मंदिर खैरा का इतिहास राज परिवार के राजा किला के अंदर बने गहवर से जुड़ा हुआ है. दुर्गा पूजा पर हर साल यहां मां दुर्गा के प्रतिमा की पूरे भक्ति भाव से की जाती है.

नवराित्र में लगती है दुर्गा मंदिर खैरा में भक्तों की भीड़

By

Published : Oct 8, 2019, 7:52 PM IST

जमुईः भक्ति और आस्था का केंद्र बिंदु ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर खैरा यहां स्थित है. यहां मां दुर्गा सारी मनोकामना सिद्ध करती हैं. बिहार-झारखंड राज्य की सीमा पर स्थित यह मंदिर ऐतिहासिक धार्मिक और पौराणिक महत्ता का प्रतीक है. यहां कई राज्यों से लोग मां के दर्शन को आते हैं.

नवरात्रि में लगती है दुर्गा मंदिर खैरा में भक्तों की भीड़

200 साल पुराना है मंदिर
200 साल पहले निर्मित इस मंदिर का इतिहास राज परिवार के राजा किला के अंदर बने गहवर से जुड़ा हुआ है. इसके साथ ही बगल में बना रानी तालाब भी इसका प्रतीक बना हुआ है. दुर्गा पूजा पर हर साल यहां मां दुर्गा के प्रतिमा की पूरे भक्ति भाव से पूजा की जाती है. मंदिर परिसर के विशाल भू-भाग में भव्य मेले का आयोजन होता है जहां कई जिले के लोग आते हैं.

दंडवत करते मंदिर में जाते लोग

9 कलश की होती है स्थापना
मंदिर खैरा का इतिहास बहुत ही पुराना है. इसका निर्माण स्वर्गीय राजा धनेश्वर सिंह के पुत्र स्वर्गीय गुरप्रसाद सिंह ने करवाया था. इसकी स्थापना खैरागढ़ के मुख्य द्वार के सामने और गहवर की स्थापना घर के अंदर की गई है. राजा किला के अंदर सभी भवन ध्वस्त हो चुके हैं. लेकिन गहवर का भवन अभी भी सुरक्षित है. जिसे स्थानीय नए भवन में तब्दील कर रहे हैं. यहां नौ कलश की स्थापना की जाती है.

नौ कलश की स्थापना

पूरी होती है भक्तों की सभी मनोकामनाएं
कलश स्थापना के दिन से ही भक्तगण सुबह रानी पोखर में स्नान कर दंडवत देते हुए माता के मंदिर तक जाते हैं. सप्तमी के दिन यहां मां बेलभरनी राजबाटी मंदिर में रात्रि में स्थापित होती हैं. नवमी के दिन यहां बकरों के बलि की परंपरा है. ऐसी मान्यता है कि जो भी यहां मां की आराधना करते हैं उनकी मुराद पूरी हो जाती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details