गोपालगंजः सारण तटबंध टूटने से मांझा प्रखंड के पुराना और बरौली प्रखंड के देवापुर गांव की स्थिती काफी भयावह हो गई है. दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित हो गए हैं. अब बाढ़ का पानी तेजी से आगे के गांवों में प्रवेश कर रही है. वहीं, ग्रामीण सुरक्षित जगह पर पलायन करने लगे हैं.
सारण तटबंध टूटा
दरअसल वाल्मीकि नगर बैराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण लगातार नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. जिसके कारण पहले मांझा प्रखंड का पुरैना रिंग बांध धारासायी हुआ. इसके बाद सारण तटबंध भी धरासायी हो गया है. जिससे बाढ़ का पानी देवापुर के दर्जनों गांव में फैलने लगा और देखते ही देखते पूरा गांव जलमग्न हो गया.
घरों में घुसा बाढ़ का पानी कई गांव हुए जलमग्न
बाढ़ में फंसे गांव के लोग किसी तरह रस्सी के सहारे निकलने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. बांध के टूटने से आवागमन प्रभावित होने की संभावना बढ़ती जा रही है. देवापुर और पुराना तटबंध के टूटने से बरौली देवापुर और बैकुंठपुर प्रखंड के अधिकांश गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है. वहीं स्थिति काफी भयावह होती जा रही है.
बाढ़ के पानी से अपनी जान बचाते ग्रामीण नदियां उफान पर
गौरतलब है कि बिहार के कई जिलों में बाढ़ के डर ने लोगों की नींद उड़ा दी है. मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, दरंभगा और सीतामढ़ी के तराई वाले इलाके में लोगों की परेशानी बढ़ गई है. महानंदा, कमला बलान, कोसी और बागमती नदियां उफान पर बह रही हैं. तो वहीं कुछ नदियां खतरे के निशान से ही काफी नीचे बह रही हैं. साथ ही गंगा के बढ़ते जलस्तर से भी लोगों में डर समाया हुआ है.