गोपालगंजः देश भर में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. इसे देखते हुए पहले 21 दिनों यानी 25 मार्च से 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन किया गया था. इसे खत्म होने से पहले पीएम मोदी ने फिर 19 दिनों का लॉकडाउन करते हुए इसकी मियाद 3 मई तक बढ़ा दी. इससे प्रवासी मजदूरों को रहने खाने की परेशानी होने लगी. लिहाजा मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए निकल गए.
UP के इटावा से पैदल ही बिहार पहुंच गए कई मजदूर - बिहार के प्रवासी मजदूर
जिले के बरौली प्रखंड के रहने वाले कुछ युवक इटावा में मजदूरी करते हैं. लॉकडाउन की वजह से उन्हें वहां रहने-खाने की दिक्कत हुई तो घर के लिए पैदल ही चल दिए. उन्होंने बताया कि दिन-रात चलकर वो 3 दिनों में बिहार की सीमा में प्रवेश किए हैं.
बरौली प्रखंड के रहने वाले हैं मजदूर
ऐसा ही एक मामला गोलापजंग में सामने आया है. जिले के बरौली प्रखंड रहने वाले कुछ युवक यूपी के इटावा में मजदूरी करते थे. लॉकडाउन के बाद उनका काम रूक गया, जिससे उनकी कमाई भी थम गई. जो थोड़े बहुत पैसे पास में थे. उससे शुरुआती 21 दिनों के लॉकडाउन तक भी खाने का इंतजान नहीं हो सका. फिर भी उन्हें उम्मीद थी की 21 दिनों के बाद लॉकडाउन हटेगा तो किसी तरह घर चले जाएंगे, लेकिन लॉकडाउन की अवधि बढ़ गई.
खाने-पीने को नहीं था कुछ
इसके बाद उनके सामने पेट भरने की चुनौती खड़ी हो गई. मजदूरों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से कुछ खाने-पीने को नहीं था. फिर हमने फैसला किया कि पैदल ही चले जाएंगे. उन्होंने बताया कि वो तीन दिनों तक दिन-रात चलकर यूपी की सीमा पारकर बिहार में प्रवेश किए हैं. यहां से अब उन्हें घर पहुंचने के लिए 30 किमी और चलना है.