गोपालगंज:केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद प्रवासियों की राज्य वापसी का सिलसिला जारी है. लेकिन, केंद्र की मदद नाकाफी साबित हो रही है. अभी भी मजदूरों का पैदल पलायन जारी है. लोग ट्रेन और बसों के अलावा पैदल ही अपने घर लौट रहे हैं. ऐसे में एक मजदूर सुरेंद्र पासवन ठेले के सहारे अपने पूरे परिवार को लेकर बिहार के लिए निकल पड़ा.
लॉकडाउन की मार झेल रहा प्रवासी परिवार ठेले से पहुंचा बिहार, कहा- अब दिल्ली नहीं जाना
लॉकडाउन के कारण आम जनजीवन पूरी से तरह अस्त व्यस्त है. दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है. ऐसे में घर लौटने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है.
मजदूर परिवार लगभग 13 दिनों बाद गोपालगंज पहुंचा. वे ठेले पर सामान लादे पत्नी और बच्चे को बैठाए समस्तीपुर जा रहा है. पीड़ित परिवार ने कहा कि देश में लॉकडाउन लागू होने के कारण मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन हो गई. ऐसे में वे पैदल ही अपने मुकाम के लिए निकल पड़े.
'यहीं कमाएंगे लेकिन दिल्ली नहीं जाएंगे'
दिल्ली से समस्तीपुर जा रहे मजदूर सुरेंद्र ने बताया कि लॉक डाउन के कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. खाने के पैसे नहीं थे. इसलिए अंत में जाकर उन्होंने एक ठेला खरीदा और उस पर सामान लादकर पत्नी-बच्चों को बैठा कर अपने घर समस्तीपुर जा रहा है. रुआंसी आवाज में उसने कहा कि अब वह दिल्ली कभी नहीं जाएगा. दिल्ली में प्रदूषण की काफी समस्या है. साथ ही कभी बिहारियों को मार के भगाने की समस्या से जूझना पड़ता है.