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Published : Jul 3, 2020, 7:18 PM IST

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गोपालगंज: वन विभाग के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, वेतनमान की मांग

वन प्रमंडल गोपालगंज के वन प्रक्षेत्र भोरे में काम कर रहे फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया. इन लोगों को 3 महीने से मजदूरी नहीं मिली है. वहीं, धरना दे रहे इन लोगों ने चेतावनी दी कि अगर 9 जुलाई तक इनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो ये सभी हड़ताल करेंगे.

Fourth grade employees of forest department are protest for payment in gopalganj
वेतनमान की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन

गोपालगंज:जिले के भोरे थाना क्षेत्र अंतर्गत वन प्रमंडल गोपालगंज के फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया. इन लोगों ने विभाग से स्थाई करने और सरकार की ओर से घोषित दैनिक वेतन दिए जाने की मांग की. वहीं, मांगे पूरी नहीं होने पर आगामी 9 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी.

बता दें कि गोपालगंज के वन प्रक्षेत्र भोरे में काम कर रहे मजदूर पैसों के लिए दर-दर भटक रहे हैं. कोरोना महामारी के समय में रोजगार मुहैया करवाने के लिए सरकार मनरेगा और अन्य जगहों पर प्रवासी मजदूर को रोजगार दे रही है तो वहीं इन मजदूरों को 3 महीने से मजदूरी नहीं मिली है.

वेतनमान की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन

सरकार की ओर से निर्धारित वेतन का नहीं होता भुगतान

बताया जा रहा है कि इन लोगों को मजदूरी भी मात्र 268 रुपये प्रति दिन के हिसाब से दिया जाता है. जबकि कुशल और अति कुशल मजदूरों की मजदूरी 300 और 350 रुपये की दर से मिलनी चाहिए. यह दर सरकार की ओर से निर्धारित किया गया है. लेकिन अभी अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इन लोगों को कम मजदूरी मिलती है.

वन विभाग को लिखी गई चिट्ठी

'खाते की जगह नगद मिलता है वेतन'
धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बातया कि कोरोना काल में जहां सरकार मजदूरों को रोजगार मुहैया करवा रही है. वहीं वन प्रक्षेत्र से मजदूरों को निकाला जा रहा है. जिससे मजदूरों के सामने भुखमरी की समस्या आ गई है. सचिव के आदेश के बावजूद जिला वन पदाधिकारी और क्षेत्रीय वन अधिकारी की मिलीभगत से ना तो समय पर वेतन मिल रहा है, ना ही बढ़ा हुआ रुपया ही मिल रहा है. वहीं, कभी कभी वेतन भी नगद में ही मिलता है. जबकि उसका भुगतान खाते में होना चाहिए. इसी कारण से हमने सरकार से मांग की है कि अगर 9 तारीख तक वेतन का भुगतान सहित मांगे नहीं मानी गई तो वो सभी हड़ताल पर चले जाएंगे.

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