गोपालगंज:बिहार के गोपालगंज में 5 लोगों की जहरीली शराब से मौत (Five people died of poisonous liquor in Gopalganj) हो गई. घटना जिले के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांव में अब तक 5 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई. जहरीली शराब से बसहां गांव निवासी दिनेश शर्मा अब इस दुनिया को छोड़ कर चले गए. इस घटना के बाद दिनेश शर्मा का परिवार पूरी तरह से टूट गया है.
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बच्चों के सिर से उठा पिता का साया: दरअसल, मृतक की पत्नी की आंखों से निकल रहे आंसू और चेहरे पर छाई खामोशी ने सभी लोगों के दिल को झकझोर दिया है. मृतक दिनेश की दो बेटी 15 वर्षीय पुतुल कुमारी और 10 वर्षीय कुसुम कुमारी, 9 वर्षीय एक दिव्यांग बेटा विकास, 6 वर्षीय धीरज के अलावा डेढ़ वर्षीय कुणाल के सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया. डेढ़ साल ते मासूम कुणाल अपने पिता को लागातार खोज रहा है, लेकिन जुबां नहीं है कि वह कुछ कह सके.
मृतक दिनेश की पत्नी का गंभीर आरोप: पिता अक्सर अपने बेटे को गोद में लेकर घूमाने ले जाते थे, जिसकी आदत बच्चें को लग गई थी. आज वह अपने पिता को नहीं देखकर बेचैन है. पिता के दिखाई नहीं देने पर लगातार रो-रोकर उसे ढूंढने की कोशिश कर रहा है. असमय दिनेश अपने परिवार को छोड़कर चला जाएगा, यह किसी ने सोचा भी नहीं था. इस दौरान मृतक दिनेश की पत्नी गीता ने बताया कि शराबबंदी रहती तो मेरे पति की मौत नहीं होती, शराब पीने के बाद उनकी मौत हो गई, पांच बच्चों का पालन पोषण कैसे होगा, कैसे बच्चों की परवरिश होगी.
जांच के लिए टीम की गठित:बता दें कि गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में शुक्रवार की रात से लेकर शनिवार की शाम तक एक-एक कर पांच लोगों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि जहरीली शराब पीने से ही सभी की मौत हुई है. हालांकि गोपालगंज डीएम नवल किशोर चौधरी (Gopalganj DM Naval Kishore Chowdhary) ने कहा कि एसडीओ और एसडीपीओ के नेतृत्व में टीम गठित कर दी गई है. जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी:दरअसल, 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू करने का फैसला लिया था. 1 अप्रैल 2016 से लागू हुए कानून के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी भी नशीले पदार्थ या शराब का निर्माण वितरण परिवहन संग्रह भंडार खरीद बिक्री या उपभोग नहीं कर सकता है. हालांकि बिहार में जहरीली शराब से मौत के बाद शराबबंदी कानून को लेकर सवाल भी उठे हैं. जब बिहार में शराबबंदी लागू हुई थी, उस समय सरकार को शराबबंदी की वजह से 4000 करोड़ की क्षति हुई थी. उसके बाद यह आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ता गया. उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सामाजिक नुकसान इससे भी कहीं बढ़कर है. हम अन्य माध्यमों से घाटे की भरपाई करेंगे.
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