गोपालगंज:गोपालगंज, बिहार का बाढ़ प्रभावित इलाका. जहां गंडक नदी जब उफान पर होती है तो चारों तरफ तबाही ही तबाही. इसकी गोद में सैंकड़ों लोगों के साथ कई एकड़ जमीन विलीन हो चुकी है. जिला प्रशासन की तरफ से तटबंध की सुरक्षा का दावा किया जा रहा है. लेकिन ईटीवी भारत की पड़ताल में जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट विभाग का दावा बाढ़ पूर्व पूरी तैयारी
विभाग ने दावा किया कि बाढ़ पूर्व सभी तैयारियां कर ली गई है. गंडक नदी का जलस्तर के बढ़ने-घटने से निचले इलाकों में बसे लोग डरे सहमे हुए हैं. दियारा के लोग पिछले 3-4 साल से कटाव और बाढ़ से परेशान हैं. प्रशासन की तरफ से मरम्मत की गई है. यह पर्याप्त नहीं है. नदी की धारा से तटबंध पर खतरा मंडरा रहा है.
बांध किनारे बसे गांव के लोग भयभीत दो अतिसंवेदनशील प्वाइंट घोषित
बाढ़ नियंत्रण विभाग की तरफ से दो अतिसंवेदनशील प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं. टंटसपुर बांध का 5 किलोमीटर और कालंटिहनिया स्कूल के पास 8.1 किलोमीटर दायरा शामिल है. इन स्थानों पर पानी के दबाव से खतरा मंडरा रहा है. 2017 में गंडक नदी के कटाव से बांध को नहीं बचाया जा सका था. अगले साल विभाग ने यूपी बॉर्डर के अहिरौली दान से काला मटिहानिया बांध तक बांध का मरम्मत कराया गया. इस कार्य में 512.88 लाख रुपये खर्च किए गए.
गंडक पर हुए अब तक कार्य:
- जिले में 4 साल में सबसे ज्यादा गंडक नदी पर हुआ खर्च
- 9 जगहों पर बांध मरम्मत में 3 अरब 85 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च
- जिले में बांध मरम्मत से ज्यादा नदी कटाव रोकने में हुई खर्च.
- अहिरौली दान गाइट बांध से बेतिया गोपालगंज ब्रिज तक संवेदनशील इलाका
- कुचायकोट, गोपालगंज, सिधवलिया बरौली और बैकुंठपुर प्रखंड में मरम्मत से ज्यादा कटाव रोकने में खर्च.
- सारण और गाइड बांध की मरम्मत के बाद भी 2018 में बाढ़ ने दियारा में मचायी थी भारी तबाही.
- इस साल 72 किलोमीटर के दायरे में 24 जगहों पर हुआ बांध का मरम्मत.
- टंटसपुर बांध और कालंटिहनिया अतिसंवेदनशील प्वाइंट चिन्हित
- पिछले 2 साल में सारण तटबंध के मरम्मत कार्य में 2अरब 72 करोड़ 94 लाख 45 हजार रुपया खर्च.
पहले मरम्मत फिर कटाव से बचाव का उपाय
कुचायकोट, गोपालगंज, सिधवलिया, बरौली तथा बैकुंठपुर प्रखंड में कटाव रोकने के लिए तटबंध की मरम्मत की गई. इसमें तय से अधिक राशि खर्च हुई. तटबंध मरम्मत में भारी भरकम राशि खर्च की जाती है. इसके बाद बाढ़ रोकने में की जाने वाली खर्च पर विभाग की मंशा पर सवाल उठने लगते हैं.
अति संवेदनशील जगहों पर विशेष तैयारी
बाढ़ नियंत्रण विभाग के चीफ इंजीनियर मुरलीधर सिंह ने बताया कि अति संवेदनशील जगहों पर विशेष तैयारी है. दोनों जगह सुरक्षा के लिए मोबाइल एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया है. इस पर बालू से भरी बोरी के साथ ही सभी प्रकार की इमरजेंसी सेवा का सामान है. इस कार्य में अधिकारी लगाए गए हैं. बांध की सुरक्षा का काम पूरा कर लिया गया है. जिले के सभी बांध सुरक्षित हैं.