गया:बिहार का गया रविवार यानी 8 जनवरी को कुल्लू, मनाली, शिमला और जम्मू से भी (Cold Wave In Gaya) सर्द रहा. मनाली में जहां न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस, कुल्लू में 6.1 डिग्री सेल्सियस, हिल स्टेशन शिमला में 8.6 डिग्री सेल्सियस, जम्मू में 7.2 डिग्री सेल्सियस रहा, वहीं, गया का न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है. अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस आंका गया है. मौसम विज्ञान केंद्र गया एयरपोर्ट के मौसम वैज्ञानिक शैलेंद्र कुमार पटेल ने बताया कि कई ठंडे प्रदेशों की अपेक्षा गया का न्यूनतम तापमान कम है. कुल्लू, मनाली, हिल स्टेशन शिमला, जम्मू की अपेक्षा गया में ज्यादा ठंड पड़ रही है और न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है.
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गया में सबसे ज्यादा ठंड :रविवार यानी 8 जनवरी को गया का तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तो 20 डिग्री सेल्सियस अधिकतम रहा. इस तरह बिहार का गया जिला पूरी तरह से ठंड की चपेट में है. और शीतलहरी पड़ रही है. एक तरफ से गया कोल्ड वेव की चपेट में है. मौसम वैज्ञानिक शैलेंद्र कुमार पटेल ने बताया कि कई ठंड प्रदेशों का तापमान देखें, तो गया इनमें आगे दिख रहा है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को कुल्लू में न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस, मनाली में न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस, हिल स्टेशन शिमला में न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस और जम्मू में न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि गया का न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है. गया में पड़ने वाली ठंड ने कई वर्षों का रिकॉर्ड भी तोड़ा है.
6 सालों का टूटा रिकॉर्ड :2018 के बाद जनवरी 2022 में सबसे न्यूनतम तापमान गया में पड़ा. ठंड ने पिछले 6 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है. मौसम वैज्ञानिक शैलेंद्र कुमार पटेल ने बताया कि कई ठंडे प्रदेशों की अपेक्षा गया में न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है, जो इस सीजन का यह सबसे न्यूनतम तापमान है. कहा जा सकता है कि इस सीजन का ही नहीं, बल्कि 2018 के बाद से जनवरी में सबसे कम न्यूनतम तापमान रविवार का आंका गया है. आज 50 मीटर के करीब विजबिलिटी (visibility IN Gaya) रही तो अगले 48 घंटे शीतलहर और कोहरे का प्रकोप रहेगा.
'गया में कोल्ड बेब जैसी स्थिति बनी हुई है. रविवार को गया का तापमान अधिकतम 20 डिग्री सेल्सियस है, जबकि न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस है. इस तरह गया के न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की गई है, जिससे ठंड बढ़ी है. गया जिले में कोल्ड बेब जैसी स्थिति बनी हुई है और उत्तर-पश्चिम हवा बह रही है, जिससे ठंड काफी पङ रही है.घने कोहरे के कारण गया में सुबह में दृश्यता 50 मीटर के करीब रही है. प्राप्त संख्यात्मक मॉडल एवं अन्य उपग्रह तस्वीरों से पता चलता है कि शीतलहर एवं कोहरा का दौर अगले 48 घंटे तक जारी रहने का पूर्वानुमान है.'-शैलेंद्र कुमार पटेल, मौसम वैज्ञानिक
गया में ठंडी से लोगों का बुरा हाल :राजस्थान और जम्मू कश्मीर की ओर से आने वाली बर्फीली हवा ने गया में ठिठुरन एकदम से बढा दी है. गया में उत्तर-पश्चिमी हवा का प्रकोप है, जो की पूरी तरह से बर्फीली होती है. मौसम वैज्ञानिक शैलेंद्र कुमार पटेल ने बताया कि बिहार का सबसे सर्द जिला गया बना है. राजस्थान और जम्मू कश्मीर से आने वाली हवा ठंड को और बढ़ा रही है. घर के अंदर ठंड का प्रकोप कम, लेकिन बाहर निकलते ही कंपकंपाने वाली ठंड है. ठंड इतनी है कि इसमें ब्रेन हेमरेज, हार्ड अटैक, लूज मोशन आदि हो सकते हैं. ऐसे में बचाव किया जाना आवश्यक है. सतर्कता नहीं बरतना घातक हो सकता है. ऐसी स्थिति में हॉस्पिटल में पर्याप्त अलाव आदि की व्यवस्था भी रखनी चाहिए.
गया में शीतलहर :गया में कोल्ड वेव जैसी स्थिति बनी हुई है. हवा में बदलाव हुआ है. उत्तर पश्चिम हवा बह रही है. इस तरह गया में भयंकर ठंड पड़ रही है. उत्तरी पश्चिमी हवा बहने से गया में ज्यादा ठंड लग रही है. मगध के गया समेत कई जिले पहाड़ और नदियों से घिरे हैं. गया शहरी क्षेत्र में ब्रह्म योनी, रामशिला, प्रेतशिला आदि पहाड़ हैं. वहीं, शहरी इलाके में फल्गु काफी फैलाव में है. नदी और पहाड़ जितनी जल्दी गर्म होते हैं, उतनी ही जल्दी ठंडे भी होते हैं. यही कारण है कि गया में जितनी ज्यादा गर्मी पड़ती है, उतनी ही ज्यादा सर्द ठंड का मौसम होता है. ठंड से राहत दिलाने के लिए गया नगर निगम के वार्ड संख्या 40 की नवनिर्वाचित पार्षद चंदू देवी ने 10 जगहों पर अलाव की व्यवस्था कराई है.
विष्णुपद क्षेत्र में अलाव की व्यवस्था : समाजसेवी सह पार्षद प्रतिनिधि सुदामा दुबे उर्फ छोटू ने बताया कि ठंड को देखते हुए विष्णुपद मंदिर के परिसर, आनंदी भवन, गंगा विशन भवन, विष्णु भवन धर्मशाला, दक्षिण दरवाजा मोड़, सूर्यकुंड तालाब, देवघाट, नई सड़क समेत कई जगहों पर लकड़ी, अलाव जलाने के लिए वितरित किया गया. ताकि गरीब व असहाय लोगों को ठंड से राहत मिल सके. उन्होंने कहा कि गरीबों की सेवा करना भगवान की सेवा करने के समान है, इस पुनीत कार्य में सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों सहित अन्य लोगों को बढ़-चढ़ कर भाग लेना चाहिए ताकि गरीबों व समाज के कमजोर वर्गो और अन्य को राहत मिल सके.