गया:बिहार के गया जिले के पद्धमपाणि स्कूल के बच्चे पर्यावरण बचाने की अनोखी मुहिम से जुड़ गए हैं. इस स्कूल के बच्चे फीस के बदले कचरा जमा करते हैं. स्कूल प्रबंधन की ओर से ये पहल बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से की गई है. यह स्कूल दक्षिण कोरिया द्वारा संचालित है.
साल 2014 में पदमपानी स्कूल ने इसकी शुरूआत की थी. उस वक्त स्कूल में करीब 250 बच्चे थे. स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को मुफ्त शिक्षा, किताबें और मिड डे मील देने का फैसला किया. फीस के बदले बच्चों से कहा गया, जब वे स्कूल आते हैं तो अपने साथ कचरा लेते आएं और स्कूल के बाहर रखे डस्टबिन में डाल दें. साथ ही, स्कूल से जाते वक्त वाटर बॉटल का पानी पौधों में डालना है.
स्कूल फीस के जगह कचरा जमा करते हैं बच्चे रिसाइकलिंग के लिए भेजा जाता है कचरा
पद्धमपाणि स्कूल के डायरेक्टर मनोज समदर्शी ने बताया कि, यहां से सारे कचरे को इकट्ठा कर रिसाइकलिंग के लिए भेजा जाता है. हमारा मकसद छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरुक रहने और हरियाली का संदेश देना है. बच्चों की मदद से विद्यालय परिसर में लगे 200 पेड़ों की देखभाल भी की जाती है.
महाबोधि मंदिर के आसपास साफ सुथरा रखने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि, स्कूल में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे गरीब परिवार से आते हैं. इन बच्चों को खेलकूद और दूसरी गतिविधियों के अलावा सामाजिक और सांस्कृतिक शिक्षा भी दी जाती है. हमारा लक्ष्य है कि वैश्विक धरोहर महाबोधि मंदिर के आसपास की सभी जगह साफ-सुथरा रहे और वहां कोई गंदगी न हो.
स्कूल के बच्चे पेड़-पौधों की करते हैं देखरेख 'प्रकृति के महत्व के बारे में दी जाती है जानकारी'
विद्यालय की छात्रा सुमन रानी ने बताया कि, फीस के रूप में हम कचरा इकट्ठा करते हैं जो बाद में रिसाइकिल के लिए भेजा जाता है. अच्छी शिक्षा के अलावा हमें प्रकृति के महत्व के बारे में भी जानकारी दी जाती है. साथ ही इससे हमें अपने क्षेत्र को साफ रखने में भी मदद मिलती है.
प्रकृति के लिए बच्चों को किया जाता है जाकरूक साफ-सफाई के लिए आगे आए देश के सभी स्कूल
अगर देश के सभी स्कूल और बच्चे इस तरह की सोच को बढ़ावा देने के लिए आगे आएं तो वो दिन दूर नहीं जब सफाई, स्वच्छता या पर्यावरण के लिए किसी तरह के अभियान की जरूरत नहीं होगी.