गया:बिहार के बोधगया (Bodh Gaya) में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की वजह से 2020 के मार्च माह के अंतिम सप्ताह से विदेशी श्रद्धालु और पर्यटक बोधगया में नहीं आ रहे हैं, जिसकी वजह से बोधगया का पर्यटन उद्योग ध्वस्त हो गया है. बोधगया में साल 2020 और 2021 पर्यटन उद्योग के लिए बहुत बुरा साबित हुआ है. इन दो सालों में केवल होटल व्यवसाय को 200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ रहा है.
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पर्यटन उद्योग बेहाल
दरअसल, 2020 के शुरुआत में कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है. बिहार के बोधगया के पर्यटन उद्योग भी इसकी चपेट में आ गया है. साल 2020 बोधगया के पर्यटन व्यवसायियों को रुलाकर रख दिया है.
छोटे व्यवसायियों को नुकसान पर्यटन व्यवसायी हताश
वहीं, साल 2021 में भरपाई की उम्मीद लगाकर लोग बैठे थे, लेकिन 2021 में पर्यटन उद्योग को ध्वस्त कर दिया है. बोधगया के पर्यटन उद्योग में सिरमौर होटल 100 से अधिक है. वहीं, बोधगया में 40 से 50 रेस्टोरेंट है. इसमें से अधिकांश होटल बंद हो गए हैं या बंद होने की कगार पर हैं.
200 से अधिक करोड़ का नुकसान
बोधगया में होटल व्यवसाय से जुड़े सुदामा कुमार ने कहा कि हमने सोचा था 2020 में हमें ज्यादा फायदा होगा, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसका उल्टा हुआ. बोधगया में होटल व्यवसाय की कमर पूरी तरह टूट चुकी है. होटल संचालक होटल को मेन्टेन्स के नाम उसे चालू रखे हुए हैं. होटल व्यवसाय को एक दो नहीं बल्कि 200 से अधिक करोड़ का नुकसान हुआ है. कई होटल संचालकों ने होटलों को बंद कर दिया है.
''साल 2021 से भी उम्मीद थी, लेकिन होटल व्यवसाय को पटरी पर लाने के लिए कम से कम अब पांच साल लगेंगे. वह टूर एंड ट्रेवल्स व्यवसाय की बात करें तो साल 2020 बोधगया का पर्यटन उद्योग को खत्म कर दिया है. साल 2021 पर्यटन उद्योग का वजूद को खत्म कर देगा. बोधगया में लाखों की बसें धूल फांक रही हैं.''-सुदामा कुमार, महासचिव, बोधगया होटल एसोसिएशन
व्यवसायियों को करोड़ों का नुकसान धूल फांक रहीं लाखों की बसें
टूर एंड ट्रेवल्स को पिछले डेढ़ साल से कोई व्यवसाय नहीं हुआ और साल 2022 अक्टूबर तक कोई भी व्यवसाय होने की उम्मीद नहीं लग रही है. गया में 45 से 46 टूर एंड ट्रेवल्स एजेंसी है, जो पर्यटन सीजन में 20 से 25 लाख की कमाई करती थी, लेकिन इस साल में कुछ भी कमाई नहीं हुई है.
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''बोधगया में विदेशी पर्यटक नहीं आ रहे हैं. बोधगया में संचालित सभी सामाजिक संस्था की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. बोधगया में विदेशी श्रद्धालु या पर्यटक ही सामाजिक संस्था को दान के माध्यम से मदद करते थे, लेकिन इस साल सामाजिक संस्था के पास कुछ भी दान नहीं आया है. यहां विदेशी श्रद्धालु का आवगमन बंद है, जिसकी वजह से दान भी नहीं मिल रहा है.''- विवेक कल्याण, समाजिक संस्था संचालक