गया: बिहार के गया में अंधविश्वास (Superstition In Bihar) के चक्कर में पड़कर भजन कीर्तन किया जा रहा है. दरअसल बभनडीह गांव के कौलेश्वर यादव के 12 वर्षीय पुत्र की ताड़ के पेड़ से गिरने से हो गई थी. किशोर की मौत के बाद उसे लोगों ने दफनाया था. अब उसे जिंदा करने के लिए 3 दिनों का भजन कीर्तन (Bhajan Kirtan at child grave in gaya) किया जा रहा है. बच्चे के कब्र के ऊपर एक पुस्तक रखी हुई है जिसे पढ़कर ही भजन किया जा रहा है.
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पेड़ से गिरने से बच्चे की मौत: जानकारी के अनुसार आमस थाना के बभनडीह गांव के कौलेश्वर यादव का पुत्र 12 वर्षीय रंजन कुमार बीते दिन ताड़ के पेड़ पर चढ़ा था. ताड़ के फल को तोड़ने के लिए वह पेड़ के ऊपर तक चढ़ गया था. इसी बीच अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे गिर पड़ा. ऊंचाई से गिरने के कारण बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई. मौत के बाद परिवार के लोगों ने उसका अंतिम संस्कार करते हुए शव को दफना दिया था.
अंधविश्वास के चक्कर में पड़े परिजन: इसके बाद परिवार के कुछ लोगों को यह विश्वास हुआ कि भजन कीर्तन करने से बालक फिर से जीवित हो जाएगा. इसके लिए जिस स्थान पर रंजन को दफनाया गया था, वहां पर अब भजन कीर्तन शुरू (Superstition In gaya) कर दिया गया है. सोमवार से यह भजन कीर्तन चल रहा है. मंगलवार को दूसरे दिन भी लोग भजन कीर्तन करते रहे. लोगों का मानना है कि बुधवार को तीसरे दिन कीर्तन करने के बाद बच्चा जीवित हो जाएगा.