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2019 में नक्सलियों पर नकेल कसने में सफल रहा CRPF, कमांडेंट से खास बातचीत

नक्सलियों के खात्मा के लिए 2008 में गया में सीआरपीएफ की 159वीं बटालियन को लाया गया था. जिसने 2008 से लेकर 2019 तक अपने वीरता और रणनीति के जरिए जिले में नक्सलियों पर नकेल कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

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Published : Jan 1, 2020, 9:07 AM IST

success story of 159th CRPF battalion of gaya
159वीं बटालियन के कमांडेंट निशित कुमार

गया: गया एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. वहीं, जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 159वीं बटालियन मौजूद है. ऐसे में 2019 में सीआरपीएफ की ये 159वीं बटालियन जिले में नक्सलियों पर नकेल कसने में कामयाब रही. जिस पर 159वीं बटालियन के कमांडेंट निशित कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

84 से ज्यादा नक्सली हुए गिरफ्तार
159वीं बटालियन के कमांडेंट निशित कुमार ने कहा कि 2019 का सफरनामा काफी सफलतापूर्ण रहा. बटालियन की सबसे बड़ी सफलता नक्सल गतिविधि को बहुत हद तक कंट्रोल करना रहा. छकरबन्धा के अति अंदरूनी इलाकों में कुछ नक्सली छिपे हुए हैं, लेकिन उनमें हिम्मत नहीं हैं कि वे बाहर आ सके. बटालियन ने 2019 में 3 बड़े एनकाउंटर किए हैं. वहीं, 84 से ज्यादा नक्सली और उनके समर्थकों को भी गिरफ्तार किया है. साथ ही काफी ज्यादा सर्च ऑपरेशन किया है, जिसमें बहुत सारे गोला, बारूद, बंदूकें और गोलियां बरामद की गई हैं.

देखें रिपोर्ट

सीआरपीएफ चला रहा कल्याणकारी योजनाएं
कमांडेंट निशित कुमार ने बताया कि सीआरपीएफ जनहित के कार्यों में भी उत्कृष्ट भूमिका निभा रहा है. जो प्रशासन और सेवी संस्थाओं की मदद से बेरोजगार युवक-युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बहुत सारी कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है. वहीं, उन्होंने बताया कि 2019 में सीआरपीएफ की बदौलत बिना किसी के जान माल को नुकसान हुए आम चुनाव शांतिपूर्वक कराए गए.

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2008 में लाया गया सीआरपीएफ बटालियन
बता दें कि नक्सलियों के खात्मा के लिए 2008 में गया में सीआरपीएफ की 159वीं बटालियन को लाया गया था. जिसने 2008 से लेकर 2019 तक अपने वीरता और रणनीति के जरिए जिले में नक्सलियों पर नकेल कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

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