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बेरोजगार कुलियों की मदद के लिए बढ़े समाजसेवियों के हाथ, उपलब्ध कराया एक सप्ताह का राशन

गया जंक्शन प्लेटफॉर्म कुली संघ के सहायक सचिव शिव कुमार ने कि फिलहाल 20 कुली लॉकडाउन में जंक्शन पर मौजूद हैं. इन कुलियों के पास खाने के लिए कुछ नहीं था. मीडिया के माध्यम से समाजसेवी विवेक कल्याण द्वारा हम लोगों को आज एक सप्ताह का राशन मिला है.

मदद में उठे समाजसेवियों के हाथ
मदद में उठे समाजसेवियों के हाथ

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Published : Apr 26, 2020, 5:46 PM IST

गया: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये देशभर में लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन लागू होने के बाद देशभर में ट्रेनों की आवाजाही बंद है. जिसके कारण गया रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म के कुली बेरोजगारी के कगार पर पहुंच गये है. वहीं, ईटीवी भारत ने कुलियों की परेशानी को प्रमुखता से प्रसारित किया था. जिसके बाद मामला संज्ञान पर आते ही कुलियों को गुड शेड में काम मिला. साथ ही एक समाजसेवी विवेक कल्याण ने 20 कुलियों को एक सप्ताह का राशन उपलब्ध करवाया.

गया रेलवे जंक्शन पर मौजूद कुली

दरअसल, लॉकडाउन के दौरान देश में पहली बार भारतीय ट्रेनों को बंद कर दिया गया है. इस वजह से ट्रेन पर निर्भर कुलियों पर बड़ा असर पड़ा है. कुली भुखमरी के कगार पर पहुंच गये हैं. कुलियों की परेशानी को ईटीवी भारत ने दिखाया था. जिसके बाद डीआरएम ने मामला संज्ञान में आते ही इन्हें गुड शेड में काम दिया है. साथ ही कुलियों मामला उजागर होते ही समाजसेवियों द्वारा गया जंक्शन के 20 कुलियों को एक सप्ताह का राशन उपलब्ध करवाया गया.

राशन बांटते समाजसेवी विवेक कल्याण

'हम शुक्रगुजार हैं'
गया जंक्शन प्लेटफॉर्म कुली संघ के सहायक सचिव शिव कुमार ने बताया 112 कुली गया जंक्शन पर पंजीकरण हैं. जिसमें फिलहाल 20 कुली लॉकडाउन में जंक्शन पर मौजूद हैं. इन कुलियों के पास खाने के लिए कुछ नहीं था. मीडिया के माध्यम से समाजसेवी विवेक कल्याण द्वारा हमलोगों को आज एक सप्ताह का राशन मिला है. जिसके लिये हम उनके शुक्रगुजार हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

20 कुलियों को उपलब्ध करवाया गया राशन
वहीं, समाजसेवी विवेक कल्याण ने बताया कि मीडिया के माध्यम से मुझे पता चला कि कुलियों को पास खाने के लिए अनाज नहीं है. मेरे द्वारा 20 कुलियों को एक सप्ताह का राशन उपलब्ध करवाया गया है. एक सप्ताह के बाद फिर से हमलोग इनका मदद करेंगे. गौरतलब है कि कुलियों ने गुड शेड में काम करने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि रेलवे की ओर से लिखित तौर पर काम मिलेगा तब ही काम करेंगे.

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