गया: गया नगर निगम के वार्ड नं 34 के गयावाल बिगहा में स्थित राजकीय हिंदी मध्य विद्यालय इन दिनों चर्चा में है. विद्यालय के कुछ छात्रों ने शिक्षक पर आरोप लगाया है कि शिक्षक उन्हें जाति सूचक शब्दों से संबोधन करते हैं. पूरा मामला प्रमंडलीय आयुक्त के पास पहुंच गया है. आयुक्त ने इस पर जांच बैठाया है. आपको बता दें कि इस विद्यालय में एक ही कमरे में 4 वर्ग संचालित हो रहे हैं.
गया में मध्य विद्यालय की हालत भेदभाव के कारण पढ़ने नहीं जा रहीं बच्चियां वार्ड नं 34 के पुलिस लाइन स्थित महादलित टोला की पायल ने बताया कि स्कूल के शिक्षक अक्सर जाति सूचक शब्दों से संबोधित करते हैं. स्कूल जाने पर भगा दिया जाता है या क्लास में बेंच पर बैठने नहीं दिया जाता है. सभी के साथ ऐसा ही होता है. इसी कारण वे लोग अब पढ़ने नहीं जाते हैं. जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते छात्र-छात्राएं स्कूल को बदनाम करने की साजिश
इन आरोपों को खारिज करते हुए स्कूल की प्रधानाचार्य शालिनी ने कहा कि ये पूरा आरोप झूठा है. इस स्कूल में अधिकतर महादलित टोला के बच्चे हैं. जिन बच्चों ने आरोप लगाया है, यहां कोई शिक्षक उन्हें नहीं पहचानता है. सिर्फ चंदा नाम की एक लड़की के बारे में जानकारी है, जिसने 4 साल पहले स्कूल छोड़ दिया था. स्कूल में गन्दगी पर ध्यान दिया जाता है ना कि जाति पर. स्कूल को बदनाम करने की साजिश की जा रही है.
2 कमरों में संचालित है पूरा विद्यालय
स्कूल के कुछ छात्रों को शिक्षकों के व्यवहार से शिकायत है. अधिकांश छात्रों को सरकार से शिकायत है. राजकीय हिन्दी मध्य विद्यालय 2 रूम में ही संचालित है. 156 छात्र इस स्कूल में पढ़ाई करते हैं. एक रूम में 4 वर्ग और दूसरे में 3 वर्ग संचालित होते हैं. छात्रों का कहना है कि पढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यहां शिक्षक और क्लास रूम दोनों की कमी है.
एक रुम में मैनेज कर रहे 4 वर्ग छात्रों ने सरकार से की मांग
स्कूल के शिक्षक बताते हैं एक रूम में 4 वर्गों की पढ़ाई चलती है. कमरे के एक ओर एक साथ 2 वर्गों के छात्रों को पढ़ाया जाता है. वहीं दूसरी ओर 2 अन्य वर्गों को मैनेज करके पढ़ाया जाता है. छात्रों का भी कहना है कि वे लोग मैनेज करके पढ़ाई करते हैं. छात्रों ने सरकार से स्कूल में शिक्षकों की बहाली करने और कमरों के निर्माण की मांग की है.