गयाजी पहुंच रहे हजारों पिंडदानी गया:बिहार के गया में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. कई ठंडे प्रदेशों की अपेक्षा गया में ठंड कुछ ज्यादा है. इसके बावजूद गयाजी में पिंडदान करने के लिए हजारों की संख्या में रोजाना तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं और अपने पितरों के मोक्ष की कामना कर रहे हैं.
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कड़ाके की ठंड में गयाजी पहुंच रहे पिंडदानी: कड़ाके की ठंड पर पितरों के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ रही है. गया जी विष्णु धाम के लिए हजारों की संख्या में प्रतिदिन पिंडदान को पहुंच रहे हैं. खरमास के इन दिनों में पिंडदान को उत्तम माना गया है. यही वजह है कि काफी संख्या में तीर्थयात्री खरमास के दिनों में पहुंच रहे हैं.
असहनीय ठंड के बीच देवघाट पर अहले सुबह से ही पिंडदान:असहनीय ठंड के बीच देवघाट पर अहले सुबह से ही पिंडदान का कर्मकांड शुरू हो जाता है. देश के अनेक राज्यों से पहुंचे पिंडदानी अहले सुबह में ही देवघाट पहुंच जाते हैं और पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान का कर्मकांड शुरू कर देते हैं.
ठंड पर आस्था भारी:सर्द हवा और कंपकंपा देने वाली ठंड के बावजूद पितरों को मोक्ष दिलाने की आस्था भारी पड़ती दिखती है. फल्गु नदी के किनारे देवघाट पर हजारों की संख्या में प्रतिदिन पिंडदानी इन दिनों ठंड में भी पिंडदान कर रहे हैं.
कई राज्यों से पहुंच रहे हैं पिंडदानी:देश के हिमाचल प्रदेश, पंजाब, कश्मीर व बंगाल सहित कई अन्य राज्यों से आए काफी श्रद्धालु ठिठुरते बदन खुले आसमान के नीचे कोहरे के बीच पिंडदान कर्मकांड कर रहे हैं. सुबह से घना कोहरा छाया रहने के बीच फल्गु नदी देवघाट, अक्षय वट पर श्रद्धालु अपने पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पंडा के निर्देशन में पिंडदान श्राद्ध कर्म व तर्पण का कर्मकांड पूरा किया जाता है.
"हम अपने पूर्वजों के तर्पण के लिए आए हैं. किसी वजह से अगर हमारे पूर्वजों को मुक्ति नहीं मिली होगी तो अब मुक्ति मिल जाएगी. ठंड भी नहीं लग रही है."-चित्रा चौबे, पिंडदानी
"कड़ाके की ठंड से कोई फर्क नहीं पड़ता है. श्रद्धालु आते रहते हैं. खरमास के कारण लोग पिंडदान करने यहां पहुंच रहे हैं."- गोविंद, पुजारी
"हमें पिंडदान पर आस्था है. हमारे पूर्वजों की आत्म को शांति मिले. गयाजी के फल्गु नदी में तपर्ण किया है."-हरि ओम, पिंडदानी
गयाजी में दिखा अनूठा दृश्य:बता दें कि बीते कई दिनों से शहर सहित जिले में तापमान काफी नीचे गिर गया है. फिर भी गया में घने कोहरे के बीच पिंडदानी अपने पूर्वजों के मोक्ष की कामना के लिए पिंडदान कर रहे हैं. गयाजी में यह अनूठा दृश्य देखने को मिल रहा है.