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गया: नौकरी छोड़ खोली 'मोदी जी चाय पकौड़े की दुकान', कमाई बेजोड़ !

जिले के शेरघाटी रोड के दरियापुर बाजार स्थित 'मोदी जी चाय पकौड़ा दुकान' इन दिनों काफी प्रसिद्ध हो रहा है. इस रोड से गुजरने वाले यात्री दुकान पर जरूर रुकते हैं. शुद्ध सरसों तेल में बने पकौड़े का स्वाद लेते हैं और मिट्टी के प्याली में चाय पीकर यात्रा की थकान मिटाते हैं.

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Published : Oct 23, 2020, 2:12 AM IST

Updated : Oct 23, 2020, 12:27 PM IST

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गया: रोजगार को लेकर एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा था कि बेरोजगार युवक पकौड़े बेचकर भी हजारो कमाई कर सकता है. पीएम नरेन्द्र मोदी के इस बयान पर विपक्ष आज भी कटाक्ष करता है. लेकिन जिले में एक युवक ने पीएम की बातों को गंभीरता से लेते हुए तीन साल पहले 'मोदी जी चाय पकौड़ा दुकान' खोल दिया. इस आकर्षक नाम के साथ बेहतर क्वालिटी रहने के कारण हर राहगीर यहां रुककर चाय पकौड़े का आनंद लेता है.

जिले के शेरघाटी रोड के दरियापुर बाजार स्थित 'मोदी जी चाय पकौड़ा दुकान' इन दिनों काफी प्रसिद्ध हो रहा है. इस रोड से गुजरने वाले यात्री दुकान पर जरूर रुकते हैं. शुद्ध सरसों तेल में बने पकौड़े का स्वाद लेते हैं और मिट्टी के प्याली में चाय पीकर यात्रा की थकान मिटाते हैं. इस रास्ते से गुजरने वाले कामकाजी लोगों के लिए यह दुकान कुछ देर के लिए रुकने का प्रमुख ठिकाना है.

राहगीर यहां रुककर लेते है चाय पकौडे़ का आनंद
ग्राहक राज शेखर शुक्ल ने बताया कि वे एमआर का काम करते हैं. वे हर दिन इस दुकान पर रुककर पकौड़े और चाय का आनंद लेते हैं. उन्होंने कहा कि उनके जैसे हजारों लोग दुकान में मिलनेवाले स्वादिष्ट पकौड़े के लिए आते हैं. राज शेखर ने कहा कि उन्हें यहां का आलू चॉप बहुत अच्छा लगता है. इस दुकान का नाम मोदी जी पकौड़ा चाय दुकान रखा गया है. जो आकर्षण नाम के साथ एक संदेश भी है. चाय और पकौड़े बेचकर लोग अच्छी कमाई कर सकते है. वहीं दूसरे ग्राहक फतेह अली ने बताया वे जब भी इधर से गुजरते हैं इस दुकान पर रुककर पकौड़ा खाकर और चाय पीकर ही गंतव्य स्थान के लिए बढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि नाम कुछ भी रहे सामान की गुणवत्ता रहनी चाहिए. यहां के पकौड़ा का स्वाद ही अलग है. उन्होंने कहा कि इस रोजगार को वो छोटा नहीं बहुत बड़ा मानता हैं.

कोलकाता की प्राइवेट नौकरी छोड़ शुरु की दुकान
वहीं दुकान के संचालक बलबीर सिंह ने बताया वे कोलकाता की प्राइवेट नौकरी छोड़कर घर आ गए थे. वहां सिर्फ पांच हजार सैलरी मिल रही थी. इसी बीच पकौड़े की चर्चा देश में होने लगी थी. बलबीर घर से स्टोव लाकर यहां दुकान खोल दी. क्वालिटी के साथ पकौड़े की दुकान जल्दी मशहूर हो गयी. बलबीर ने बताया कि पहले पूरे महीने में वो पांच हजार कमा लेते थे. वहीं अब हर दिन एक हजार से लेकर 12 सौ रुपए तक कमाई हो जाती है. बलबीर ने बताया कि यह नाम बस आकर्षण के लिए है. दुकान में विपक्ष के लोग भी आते है.

Last Updated : Oct 23, 2020, 12:27 PM IST

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