गया: बिहार के गया में सामूहिक शादी करवाई जाती है. इस तरह की सामूहिक शादी करवाने वाले विकास कुमार माली की कहानी बेटियों के प्रति समर्पण की भावना बताती है. विकास कुमार बेटियों से भरे पूरे परिवार से जुड़े थे. कई बेटियों की दहेज के कारण शादी प्रभावित हुई थी. काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. तब उन्होंने निर्णय लिया और फिर पिछले 13 सालों से कन्याओं की सामूहिक शादियों का बीड़ा उठा रखा है.
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शादी के लिए बना दी सोसाइटी: विकास कुमार माली मूल रूप से झारखंड के रहने वाले हैं. यह उस परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जहां बेटियों की संख्या ज्यादा थी. बेटियों की शादी में दहेज एक समस्या के रूप में सामने आई. वहीं, आने वाली मुश्किलों को उन्होंने चुनौती के रूप में लिया, लेकिन निर्णय लिया कि वे निर्धन और असहाय लड़कियों के लिए काम करेंगे. इसके बाद उन्होंने 'कन्या विवाह विकास सोसायटी' नाम की संस्था खड़ी कर दी.
हर साल कराते हैं सैकड़ों विवाह: वहीं, यह संस्था हर साल सैकड़ों कन्याओं का सामूहिक विवाह कराती है. इस विवाह का सारा खर्च इस संस्था के द्वारा उठाया जाता है. वहीं, उनके लिए कई तोहफे भी दिए जाते हैं. तोहफे के तौर पर गोदरेज, पलंग, रजाई व अन्य सामान्य दी जाती है. इस तरह निशुल्क और दहेज मुक्त शादी इस संस्था के द्वारा कराई जाती है. यदि किसी लड़की के लिए वर खोजना हो, तो यह काम भी संस्था करती है. सहयोग के तौर पर सामाजिक लोगों से चंदा लेकर और भिक्षाटन लेकर भी यह संस्था इस तरह के नेक काम कर रही है. इस बार गया में कराए गए कन्याओं के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में लोजपा रामविलास के सुप्रीमो चिराग पासवान भी शामिल हुए.
2013 से कराया जा रहा सामूहिक विवाह: कन्या विवाह विकास सोसायटी के द्वारा वर्ष 2013 से इस तरह की पहल कर कन्याओं का सामूहिक विवाह कराया जा रहा है. यह कन्या वैसे घरों से जुड़ी होती है, जो निर्धन व आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय होती है. संस्था ऐसी कन्याओं का चयन करती है और उनकी शादियां कराती हैं. कन्याओं के मन मुताबिक वर ढूंढने में भी संस्था अपनी भूमिका निभाती है. इस सामूहिक शादी में वर या वधू किसी पक्ष को कोई रुपए खर्च नहीं करने पड़ते हैं.
'यह गर्व की बात है, मैं भी बिहार की बेटी हूं..': वहीं, कन्याओं के सामूहिक विवाह में शामिल होने मुंबई की एक्ट्रेस अर्पिता माली भी आई थी. उन्होंने बताया कि ''यह बहुत गर्व की बात है. मैं भी बिहार की बेटी हूं. इसी मिट्टी से हूं और 51 कन्याओं का सामूहिक विवाह काफी नेक और अच्छा काम हो रहा है. ऐसी बेटियों की शादी हो रही है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और असहाय हैं. उनके विवाह का सपना पूरा हो रहा है. इसके लिए मैं कन्याओं को शादी की शुभकामनाएं भी देती हूं.''
घर में बेटियों की संख्या ज्यादा थी: इस संबंध में कन्या विवाह विकास सोसायटी के सचिव विकास कुमार माली बताते हैं कि ''हम जिस घर से थे, उस घर में बेटियां ही बेटियां थी. बेटा नहीं के बराबर थे. कई तरह की चुनौती आई. दहेज को लेकर भी परेशानियां हुई. इसके बाद बीड़ा उठाया कि दहेज के चलते किसी बेटी की शादी नहीं रुकेगी. आर्थिक रूप से कमजोर कन्याओं का विवाह पूरे समारोह के तौर पर होगा. इसके बाद वर्ष 2013 से इस तरह का काम कराया जा रहा है. इसमें सामूहिक विवाह कन्याओं का होता है. इस तरह मंगलवार को गया में 51 कन्याओं का सामूहिक विवाह कराया गया.''