गया: बिहार की धार्मिक नगरी गया (Religious City Gaya) मोक्षधाम के नाम से पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. पितृपक्ष के दौरान गयाजी में पिंडदान (Mass Pind Daan in Gaya) करने का बड़ा महत्व है. ऐसे में गुरुवार को यहां पूरे विश्व में प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों एवं जीव-जंतुओं की आत्मा की शांति के लिए सामूहिक पिंडदान कर्मकांड का आयोजन किया गया. स्थानीय समाजसेवी चंदन कुमार सिंह द्वारा फल्गु नदी के पश्चिमी तट पर स्थित देवघाट पर पूरे विधि विधान से पिंडदान कर्मकांड किया गया.
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दरअसल, ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान धार्मिक नगरी गयाजी में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही उन्हें प्रेत बाधा से भी मुक्ति मिलती है. इसी कड़ी में स्थानीय समाजसेवी चंदन कुमार सिंह ने पूरे विश्व में मारे गए लोगों एवं जीव-जंतुओं की आत्मा की शांति के लिए शहर के फल्गु नदी के पश्चिमी तट पर स्थित देवघाट पर सामूहिक पिंडदान व तर्पण कर्मकांड किया. पूरे धार्मिक विधि-विधान के अनुसार स्थानीय पंडा द्वारा पिंडदान कर्मकांड की प्रक्रिया को संपन्न कराया गया.
इस मौके पर समाजसेवी चंदन कुमार सिंह ने कहा कि बाबू सुरेश नारायण मेमोरियल ट्रस्ट के बैनर तले पूरे विश्व में प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों व जीव-जंतुओं की आत्मा की मोक्ष की प्राप्ति के लिए हमारे द्वारा पिंडदान किया गया है. यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है. पहले हमारे पिता सुरेश नारायण सिंह द्वारा सामूहिक पिंडदान वर्ष 2001 से 2013 तक किया गया. पिता की मृत्यु पश्चात वर्ष 2014 से अब तक मेरे द्वारा प्रतिवर्ष प्राकृतिक आपदा में मारे गए पूरे विश्व के लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते चले आ रहे हैं.