गया:बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय के प्रांगण में संचालित आईआईएम में आईपीएम की शुरुआत को लेकर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. इस दौरान आईआईएम के डायरेक्टर सहित कई प्रोफेसर एवं इस विभाग से जुड़े अधिकारी मौजूद थे. प्रेसवार्ता के दौरान आईआईएम की निदेशक डॉ. विनीता सहाय ने कहा कि कॉर्पोरेट जगत में प्रवेश के इच्छुक छात्रों की संख्या बहुत कम है. खासकर स्नातक स्तर पर.
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आईआईएम देश की तीसरी संस्थान है जहां पर आईपीएम की शिक्षा दी जाएगी. आईपीएम कार्यक्रम प्रबंधन के क्षेत्र में रुचि रखने वाले स्नातक छात्रों के लिए एक कोर्स है. आईपीएम प्रबंधन की दुनिया में इंजीनियरों का वर्चस्व है और यह अन्य क्षेत्रों के छात्रों के लिए भी लाने के लिए एक नया दृष्टिकोण है. कॉर्पोरेट स्नातकों में एक तरह से प्रवेश द्वार बनने जा रहा है. जो कॉर्पोरेट में रुचि रखते हैं उनके बिना अध्ययन करने के लिए स्नातकोत्तर स्तर तक पहुंचने के लिए इंतजार करना पड़ता है. संस्थान शैक्षणिक वर्ष 2021 से पांच वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए तैयार है.
मैट्रिक-इंटर परीक्षा के अंकों के आधार पर होगा चयन
आईआईएम बोधगया नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के साथ साझेदारी कर जिपमैट का आयोजन करा रहा है. इस पाठ्यक्रम का आगाज 60 सीटों के साथ किया जा रहा है. अभ्यर्थियों का मूल्यांकन संयुक्त प्रवेश कार्यक्रम जिसे प्रबंधन प्रवेश परीक्षा जिपमैट कहा जाता है के माध्यम से किया जाएगा. जिपमैट का संचालन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा किया जाएगा. जो जेईई और नीट जैसे टेस्ट आयोजित करने के लिए भी जिम्मेदार है. जिपमैट भारत के 78 शहरों में संचालन के लिए आईआईएम बोधगया और आईआईएम जम्मू एक साथ आए हैं. मूल्यांकन कक्षा 10 वीं, 12 वीं और प्रवेश परीक्षा के अंकों के आधार पर किया जाएगा. इसके संबंध में पहली सूचना 1 अप्रैल को घोषित की जायेगी.
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उन्होंने कहा कि सभी उम्मीदवारों के लिए प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए उम्मीदवारों को विशेष रूप से योग्यता के आधार पर आंका जाएगा. संस्थान की योजना छात्रों को संचार और व्यक्तित्व के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की है. पाठ्यक्रम में व्यावसायिक दुनिया के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए संचार में एक उत्साहपूर्ण पाठ्यक्रम होगा.