गया के रुद्र प्रताप सिंह का योगा क्षेत्र में कमाल गया:21 जून यानी कि आज विश्व योग दिवस है. इसे भारत समेत पूरे विश्व में बड़े समारोह के तौर पर मनाया जाता है. देश में जब योग की बात आती है, तो बाबा रामदेव का नाम सामने आता है. वहीं बिहार के गया का 10 साल का रुद्र प्रताप सिंह भी योग के क्षेत्र में बड़े मुकाम को हासिल कर रहा है. इसे बिहार का बाबा रामदेव भी कहा जाने लगा है.
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150 आसनों में महारत हासिल:रुद्र बोधगया में रहकर पढ़ाई करता है. जहानाबाद जिले के खरका गांंव निवासी राकेश कुमार सिंह के पुत्र रुद्र प्रताप सिंह योगाभ्यास में काफी बड़ा मुकाम हासिल करते जा रहे हैं. लगातार योगाभ्यास के कारण वह अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है और यही वजह है कि इन योगाभ्यासों के कारण वह करीब डेढ़ सौ तरह के योग करने में महारत हासिल कर चुका है.
8 साल की उम्र से रुद्र कर रहा योग 8 साल की उम्र से कर रहा योग: रुद्र महज 10 साल का है, लेकिन योग के क्षेत्र में उसकी उपलब्धियां उसे बड़ा बना रही है. 2020 में लॉकडाउन के समय 8 साल की उम्र से ही पिता द्वारा हौसला बढ़ाने के बाद रुद्र ने योग करना शुरू किया था. राकेश सिंह ने अपने 8 वर्षीय पुत्र रुद्र को योग के क्षेत्र में मोटिवेट किया.
पिता ने किया मोटिवेट:रुद्र प्रताप सिंह जब योगाभ्यास करता है, तो उसे देखने के लिए भीड़ जुट जाती है. योग के दौरान वह अपने शरीर को रबर की तरह मोड़ देता है और योग प्राणायाम के लक्ष्य को पूरा करता है. जो भी रुद्र के योगाभ्यास को देखता है वो आश्चर्यचकित रह जाता है. यही वजह है कि रुद्र की पहचान बिहार के बाबा रामदेव के रूप में होने लगी है. रुद्र को ट्रेनिंग किसी और ने नहीं बल्कि उसके पिता राकेश कुमार सिंह ने ही दी.
नेशनल की तैयारी में जुटा रुद्र: पिता राकेश कुमार सिंह बताते हैं कि ऐसा संभवत: कोई योग नहीं है, जिसे रुद्र नहीं कर सकता. वह बिहार का स्टेट चैंपियन भी रह चुका है. 2020 में उसने यह उपलब्धि हासिल की.
"पतंजलि द्वारा आयोजित नेशनल योगा फेडरेशन ऑफ इंडिया में उसने बिहार स्टेट चैंपियन का खिताब जीता और अब नेशनल की तैयारी कर रहा है. पिछले साल 3 माह की उम्र कम रह गई थी, जिसके कारण वह नेशनल में भाग नहीं ले सका था."- राकेश कुमार सिंह, रुद्र के पिता
आंख बंद करके आर्चरी: वहीं, रुद्र आंख बंद करके आर्चरी भी करता है. आंख बंद कर वह तीर धनुष से ऐसे कारनामे दिखाता है कि देखने वाले दंग रह जाते हैं. बंद आंख से उसका चलाया हुआ तीर से सीधे लक्ष्य को भेद देता है. आर्चरी के क्षेत्र में डीएवी के नेशनल गेम्स में उसे चौथा पोजीशन हासिल हुआ है.
तीन साल से कर रहा योगाभ्यस:वहीं बिहार चैंपियन के अलावा डिस्टिक और स्टेट में गोल्ड मेडल भी रुद्र जीत चुका है. वह बेसिक और एडवांस योगा को मिलाकर कुल 150 योगासन करता है. रुद्र प्रताप बताता है कि 2020 में योग की शुरुआत कोरोना काल के समय की थी. इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा.
"योग बहुत जरूरी है और सभी को योगाभ्यास करना चाहिए. योग करने से हम स्वस्थ रहेंगे. हम स्वस्थ रहेंगे तो समाज स्वस्थ रहेगा. देश और विश्व स्वस्थ होगा. बेसिक एंड एडवांस को मिलाकर 150 से अधिक आसनों को कर लेता हूंं. धनुरासन, चक्रासन, गरुड़ासन, मयूरासन, कुक्कुटासन, गैंडा रुंभूडा, पद्मासन, वृक्षासन, कपालभाति, सूर्य नमस्कार, शीर्षासन समेत अन्य आसन करता हूं. चाहता हूं कि वर्ल्ड चैंपियनशिप खेलूं और भारत का नाम रोशन करूं."-रुद्र प्रताप सिंह, नन्हा योगगुरु
साथ ही आपको बता दें कि लंदन से एफएम न्यूज रुद्र का इंटरव्यू लेने वाली है. रुद्र आयुष मंत्रालय के क्यूट योगा चैलेंज का भी विनर रह चुका है. इसके बाद से रुद्र आगे बढ़ता चला गया.