गया: बिहार के गया में मगध प्रमंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालएएनएमएमसीएच में स्वास्थ्य सुविधा का हाल बेहाल है. यहां की टूटी खिड़कियां डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अल्टीमेटम को बेकार साबित कर रही है. अस्पाताल में भर्ती मरीज टूटी खिड़कियों से सर्द हवा झेलने को विवश (Gaya ANMMCH patients upset due to broken windows) हैं. इसके अलावा भी अस्पताल में कई सारी खामियां हैं. एएनएमएमसीएच का भवन बदहाल अवस्था में है. इसके मरम्मत की कोई जहमत तक उठाने वाला नहीं दिखाई देता है.
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डिप्टी सीएम का अल्टीमेटम नहीं दिख रहा असरःबिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सरकारी अस्पतालों में सुधार को लेकर अल्टीमेटम दे रखा है, लेकिन इसका असर मगध प्रमंडल के सबसे बड़े अस्पताल एएनएमएमसीएच में नहीं दिख रहा है. यहां भर्ती मरीज ठंड के इस मौसम में सर्द हवा की मार झेलने को विवश हैं. यहां मगध प्रमंडल ही नहीं, बल्कि झारखंड से भी मराज इलाज कराने आते हैं.
मगध प्रमंडल ही नहीं झारखंड से भी इलाज कराने आते हैं मरीजःगया का मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल मगध प्रमंडल का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल है. यहां मगध प्रमंडल के गया के अलावे जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद समेत बिहार के अन्य कई जिले और झारखंड से भी इलाज कराने मरीज यहां आते हैं. इलाज को आने वाले मरीज जो भर्ती होते हैं, उन्हें इस मौसम में काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सर्जरी, मेडिसिन समेत कई वार्ड ऐसे हैं, जिन की खिड़कियां टूटी फूटी और जर्जर हैं. इनसे सर्द हवाएं सीधे ऐसे वार्डों में प्रवेश करती है और मरीज ठंड के कारण कंपकपाते रहने को विवश हैं.
ठोस व्यवस्था के बजाय प्लास्टिक से खानापूर्ति की कोशिशः सबसे बड़ी बात यह है कि ठोस व्यवस्था के तौर पर खिड़कियों को सही करने के बजाए उसे प्लास्टिक से ढंककर खानापूर्ति की कोशिश की जा रही है. अभी ऐसे कई वार्ड हैं, जहां की खिड़कियां खुली हुई या टूटी हुई है. ऐसे में मरीजों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ रही है और वह अपना इलाज सर्द हवाओं के बीच करा रहे हैं. एक मरीज का तो यह भी कहना है इस ठंड के मौसम में भी मांगने पर ही कंबल मिलता है.