गया: बिहार के गया में पूर्व सीएम सहहम सुप्रीमो जीतन राम मांझी (Hum Leader Jitan Ram Manjhi) ने प्रशांत किशोर के उस बयान, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के भाजपा से संपर्क में होने की बात कही गई थी. उसका उन्होंने समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव है. बिहार के हित में यदि मुख्यमंत्री इस तरह का कदम उठाते हैं तो वो स्वागत करेंगे. राजनीति में 2+2 =2 और 6 भी होता है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव है. इसमें 2+2=2 होते हैं और 2+2= 6 भी होते हैं.
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'यह राजनीति की दिशा है. वहीं, बिहार के हित में यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा से संपर्क में जाकर कोई अगला कदम उठाते हैं, तो वह इसका स्वागत करेंगे. हालांकि बाद में उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल में इस तरह के हालात नहीं हैं, लेकिन ऐसा होता है तो यह वहीं बात है, कि राजनीति में कुछ भी संभव है. वे सीएम के बिहार हित में लिए गए इस तरह के फैसले का भी स्वागत करेंगे.'- जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम
पूर्व CM मांझी ने pK के बयान का किया समर्थन : गौरतलब है कि बीते दिन चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा से संपर्क होने की बात कही थी. इस बयान को कई राजनीतिक दल गंभीरता से ले रहे हैं. इसके बीच पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने इस बयान को लेकर जब यह कह दिया है कि राजनीति में कुछ भी संभव है और बिहार के हित में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कदम का स्वागत करेंगे. तो निश्चित तौर पर राजनीतिक सियासत इस बयान के बाद तेज होगी. वहीं, प्रशांत किशोर के नीतीश कुमार के भाजपा के संपर्क में रहने के बयान को बल भी मिला है.
पीके ने BJP के साथ नीतीश कुमार को जाने की कही था बात : गौरतलब है कि राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) ने दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संपर्क में हैं और अगर स्थिति की मांग हुई तो वह फिर से उस पार्टी के साथ गठजोड़ कर सकते हैं. नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यू) ने उनकी इस टिप्पणी को खारिज करते हुए इसे भ्रामक बताया और कहा कि इसका मकसद भ्रम फैलाना है.
हरिवंश के जरिए रास्ता खुला है: बता दें कि प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं और उनकी इस यात्रा को सक्रिय राजनीति में आने के पहले के कदम के तौर पर देखा जा रहा है. उन्होंने एजेंसी से कहा कि नीतीश कुमार ने जेडीयू सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के जरिए बीजेपी के साथ संवाद के लिए एक रास्ता खुला रखा है. इस संबंध में हरिवंश को उनकी प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए सवाल का कोई जवाब नहीं मिला. लेकिन उनकी पार्टी ने इस दावे को खारिज करते हुए जोर दिया कि कुमार फिर कभी बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएंगे.