दलाई लामा का बोधगया में टीचिंग कार्यक्रम गया: बिहार के बोधगया में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा एक महीने के प्रवास के लिए आए हुए हैं. इस दौरान यहां उनका टीचिंग कार्यक्रमचल (Dalai Lama Teaching Program in Bodh Gaya)रहा है. इसमें देश-विदेश के हजारों बौद्ध श्रद्धालु शामिल हुए हैं. बौद्ध श्रद्धालुओं ने कहा कि बुद्ध भूमि पर बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के दर्शन करने आए हैं. यहां टीचिंग कार्यक्रम गुरुवार से चल रहा. बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के टीचिंग कार्यक्रम में 50 हजार से अधिक बौद्ध श्रद्धालु शामिल हुए.
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15 भाषाओं में अनुवाद कर एफएम से सुनने की व्यवस्थाःटीचिंग कार्यक्रम में शामिल होने को आए बौद्ध श्रद्धालुओं ने कहा कि वह भगवान बुद्ध की ज्ञान भूमि पर दलाई लामा के दर्शन करने को आए हैं और टीचिंग कार्यक्रम में शामिल होंगे.बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के प्रवचन को 15 भाषाओं में अनुवाद कर एफएम के माध्यम से सुनने की व्यवस्था की गई है. तिब्बती, जापानी, पुर्तगाली, चीनी, मंगोलियाई, इटालियन, वियतनामी, हिंदी, नेपाली समेत 15 भाषाओं में एफएम बैंड के माध्यम से लोग धर्मगुरु दलाई लामा के प्रवचन को सुन रहे हैं.
"मैं यहां पहली बार आई हूं. यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है. दलाई लामा से मिलना सच में एक अदभुत अनुभव है. इनसे मिलकर बहुत कुछ सीखने को मिला है. उन्होंने हमें शांति का पाठ पढ़ाया और बताया कि कैसे सभी जीव जंतु से प्यार किया जाए, जिससे शांति कायम हो"-वनमय, वियतनामी बौद्ध श्रद्धालु.
"यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है. धर्म गुरु दलाई लामा के दर्शन करने आए हैं. बुद्धिज्म के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला. इसका हर दिन अभ्यास करने की बात सिखाई गई. इससे मन को शांति प्राप्त होती है"-मुनि, वियतनामी बौद्ध श्रद्धालु.
3 दिन की टीचिंग का आयोजन: बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा 22 दिसंबर को बोधगया पहुंचे हैं. वह करीब 1 माह तक बोधगया में प्रवास करेंगे. इस क्रम में 3 दिन 29, 30 और 31 दिसंबर को बौद्ध धर्म गुरु कालचक्र मैदान में टीचिंग कार्यक्रम का आयोजित किया गया है . इसमें नागार्जुन का पाठ किया गया और 21 तारा देवी का अभिषेक हुआ.
नए साल में होगी दलाई लामा की लंबी उम्र के लिए पूजाः तिब्बती पूजा समिति से जुड़े ओम जी बाबा ने बताया कि बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा जी प्रवचन करेंगे और अभिषेक देंगे. वहीं नए साल में कालचक्र मैदान से बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा की लंबी आयु के लिए कालचक्र मैदान से पूजा की जाएगी. इसमें 50 से 60 हजार श्रद्धालु शामिल होंगे, जो कि पूरे विश्व से आते हैं। इसमें भाग लेने नेपाल, भूटान, यूरोप, अमेरिका समेत सभी देशों से करीब-करीब बौद्ध श्रद्धालु आते हैं. बताया कि 3 दिन की टीचिंग के दौरान दीक्षा होगी. बोधिसत्व की दीक्षा दी जाएगी. सभी को बोधिसत्व की दीक्षा दी जाएगी.