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गया में कोरोना महामारी पर आस्था भारी, मार्कंडेय महादेव मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

आज सावन की पहली सोमवारी है लेकिन कोरोना के चलते सभी मंदिरों के कपाट बंद हैं. ऐसे में लोग मंदिर के बाहर ही पूजा-पाठ कर लौट रहे हैं. गया (Gaya) के मार्केंडेय महादेव मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी. पढ़ें पूरी खबर...

मार्कंडेय महादेव मंदिर
मार्कंडेय महादेव मंदिर

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Published : Jul 26, 2021, 2:09 PM IST

गया: बिहार के गया शहर स्थित प्रसिद्ध मार्कंडेय महादेव मंदिर (Markandeya Mahadev Temple) में सावन माह की पहली सोमवारी (First Monday Of Sawan Month) पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. अहले सुबह से ही भक्त कतारबद्ध होकर मंदिर में पूजा-पाठ के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन कोरोना (Corona) के कारण मंदिर का गर्भगृह बंद होने से श्रद्धालु मुख्य द्वार के बाहर ही पूजा-पाठ कर लौट रहे हैं.

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कोरोना महामारी (Corona Pandemic) पर लोगों की श्रद्धा और आस्था भारी पड़ रही है. तड़के से ही महिला पुरुष मंदिर पहुंचकर पूजा-पाठ करने में जुट गए. मार्केंडेय महादेव मंदिर में सावन माह में पूजा करने का एक अलग ही महत्व है. यह मंदिर मुख्य रूप से रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय अनुष्ठान के लिए जाना जाता है.

स्थानीय पुजारी गुप्तेश्वर शास्त्री कहते हैं कि कोरोना को लेकर मंदिर का गर्भगृह बंद कर दिया गया है. सावन माह में यहां पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है. मार्कंडेय महादेव मंदिर का पौराणिक इतिहास है. पौराणिक कथा के अनुसार मार्कंडेय ऋषि के नाम पर इस मंदिर का निर्माण हुआ है.

कहा जाता है कि मार्कंडेय ऋषि अल्पायु थे. इसे देखते हुए मार्कंडेय ऋषि ने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना शुरू की. जब उनका अंत समय आया तो वे शिवलिंग से लिपटकर भगवान को याद करने लगे. इससे प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया.

तब से इस मंदिर को मार्कंडेय महादेव के नाम से जाना जाता है. यहां रुद्राभिषेक करने का बहुत ही महत्व है. यहां पूजा करने वाले भक्तों की मनोकामना भगवान अविलंब पूरी करते हैं. यही वजह है कि गया ही नहीं बल्कि झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से भी लोग यहां आकर सावन माह में पूजा-पाठ करते हैं.

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एक आंकड़े के अनुसार पूर्व में प्रथम सोमवारी को लगभग 10 हजार से भी ज्यादा लोग यहां पूजा अर्चना करते थे लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार यहां दर्शन करने वाले श्रद्धालु काफी कम संख्या में आ रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि भले ही कोरोना महामारी है लेकिन भगवान भोलेनाथ पर पूरा विश्वास है. सावन माह में सोमवारी पर यहां पूजा करने का विशेष महत्व है.

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पूजा करने आए श्रद्धालुओं ने कहा कि परिवार की सुख, समृद्धि और शांति के लिए यहां पूजा अर्चना कर रहे हैं. साथ ही कोरोना महामारी का जल्द खात्मा हो, ऐसी प्रार्थना कर रहे हैं.

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