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गयाः बौद्ध लामाओं ने किया मुखौटा नृत्य, दुष्ट आत्माओं का इससे होता है नाश

विभिन्न पारंपरिक परिधानों में मोनास्ट्री के कई लामा ने अपनी प्रस्तुति दी. यह आध्यात्मिक नृत्य तांत्रिक विधि से बनाए गए मंडाला के समक्ष किया गया. इसके बाद आध्यात्मिक धर्मगुरु ने मंडाला अभिषेक किया. इस दौरान भूटान के अलावा लेह-लद्दाख, श्रीनगर, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य जगह से हजारों बौद्ध भिक्षु मौजूद रहे.

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Published : Jan 18, 2020, 1:51 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 3:12 PM IST

गयाःबोधगया के भूटान मंदिर में शनिवार को मुखौटा नृत्य का आयोजन किया गया. इसे भूटान के बौद्ध लामाओं ने पारंपरिक वाद्ययंत्र के साथ पारंपरिक वेषभूषा में पेश किया. यह मंदिर जानपुर में स्थित है. नृत्य स्थल पर मैदा, घी और मक्खन से बनाए गए तंत्र के देवता महाकाल की आकृति रखी गई थी.

धर्मगुरु ने किया मंडाला अभिषेक
विभिन्न पारंपरिक परिधानों में मोनास्ट्री के कई लामा ने अपनी प्रस्तुति दी. यह आध्यात्मिक नृत्य तांत्रिक विधि से बनाए गए मंडाला के समक्ष किया गया. इसके बाद आध्यात्मिक धर्मगुरु ने मंडाला अभिषेक किया. इस दौरान भूटान के अलावा लेह-लद्दाख श्रीनगर, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य जगह से हजारों बौद्ध भिक्षु मौजूद रहे.

बौद्ध लामाओं ने किया मुखौटा नृत्य

9 सालों से हो रहा आयोजन
ड्रक थुनेन छोलिंग शांडूंग बौद्ध मठ के सचिव लामा सोनम दोरजे ने बताया कि भूटान की परंपरा के अनुसार दुष्ट आत्माओं को नष्ट और शांत करने के लिए मुखौटा नृत्य किया जाता है. भूटान की संस्कृति में इस नृत्य का महत्वपूर्ण स्थान है. इसे जीसी ब्लैक हिड्स नृत्य भी कहा जाता है. यहां 9 सालों से इसका आयोजन होता आ रहा है. मान्यता है कि इस नृत्य को देखने मात्र से ही लोगों के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उन्हें निर्वाण की प्राप्ति होती है.

पारंपरिक वाद्ययंत्र
Last Updated : Jan 18, 2020, 3:12 PM IST

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