गया:बीजेपी नेता सह पूर्व विधान पार्षद कृष्ण कुमार (BJP Leader Krishna Kumar) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के ड्रीम प्रोजेक्ट (Dream Project) में शामिल फल्गु नदी(Falgu River) पर बने रहे रबर डैम (Rubber Dam) का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि इससे फल्गु की पवित्रता और अस्तित्व खत्म हो जाएगा.
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गया बीजेपी की जिला इकाई के मीडिया प्रभारी युगेश कुमार ने इस बारे में एक प्रेस रिलीज जारी किया है. जिसमे उन्होंने पूर्व विधान पार्षद के द्वारा रबर डैम का विरोध करने के बारे में पूरी जानकारी दी है. इसके मुताबिक बीजेपी नेता कृष्ण कुमार ने कहा कि फल्गु नदी में रबर डैम बनने से यहां बालू का पिंडदान करने के लिए भी बालू नहीं मिलेगा.
कृष्ण कुमार सिंह उर्फ कुमार बाबू ने कहा है कि धरोहर नगरी गयाजी का अस्तित्व आज खतरे में है. हम गयावासियों का आज पहला पुनीत कार्य फल्गुजी के अस्तित्व बचाने का है. फल्गु जी अंत: सलिला हैं. किसी भी मौसम में हमलोग बालू हटाकर अर्थात गड्ढा कर पानी पा लेते हैं. मौसम या इन्द्र जी की कृपा से गड्ढे की गहराई में अंतर हो सकता है.
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उन्होंने कहा है कि फल्गु में रबड़ लाइनिंग किया जा रहा है. इसका मतलब एक उदाहरण के द्वारा समझाया जा सकता है. उदाहरण स्वरूप गांव या शहरों में आस्था के पर्व छठ में आदित्य को अर्घ्य देने के लिए गड्ढा कर हम उसके अंदर प्लास्टिक बिछा देते हैं, जिससे प्लास्टिक के ऊपर का पानी गंदा नहीं होता है और ना पानी जमीन के अंदर जाता है. अर्थात फल्गुजी का अस्तित्व खतरे में है. उनका तर्क है कि जब रबर लाइनिंग किया जाएगा तो पानी का रिसाव बालू के अंदर नहीं हो पाएगा, जिसका परिणाम गया शहर के जलस्तर की कमी के रूप में महसूस होगी.
बीजेपी नेता ने कहा कि गया जिला वासियों को भूजल स्तर कम होने से आने वाले समय में पानी की किल्लत होने की संभावना है. साथ ही साथ फल्गु जी का मधुर पानी और श्राद्ध कार्य के लिए बालू का महत्व भी कम हो जाएगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रकृति से खिलवाड़ करने का हक किसी को नहीं है. प्रकृति से खिलवाड़ के ही कारण असामयिक बारिश भूस्खलन, भूकंप और अनेकों प्रकार की वैश्विक महामारी फैलती है. आज तक कोई भी देश प्रकृति आपदाओं से बचने में कामयाब नहीं हो सका है. वेद शास्त्रों ने ही प्रकृति आपदाओं से बचने का उपाय विश्व को बताया है.
आपको बताएं कि रबर डैम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है. इस रबर डैम का शिलान्यास साल 2020 के सितंबर में किया गया था. वहीं 2023 तक इसे पूर्ण रूप से बनाने का लक्ष्य रखा गया है. अभी तक रबर डैम का 25 फीसदी कार्य संपन्न किया गया है. इस डैम को 277 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है.