बिहार

bihar

गयाः 100 हेक्टयर में हो रही मेथा की खेती, कृषि मंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने लिया जायजा

By

Published : May 14, 2020, 11:56 PM IST

एक हेक्टेयर मेंथा की खेती करने पर किसान को 20 हजार रुपये सरकार से सहायता के रुप में मिलती है. एक एकड़ फसल से किसान मार्च से जून-जुलाई तक दो से तीन कटाई करते हैं. इससे 50-60 लीटर तेल प्राप्त होता है.

gaya
gaya

गयाः कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के निर्देश पर मगध प्रमंडल के उद्यान उप निदेशक राकेश कुमार और सहायक निदेशक ओम प्रकाश मिश्रा जिले में सुगंधीय व औषधीय पौधों के साथ ही प्रखंडों में हो रही औषधीय मेंथा की खेती का जायजा लिया. दोनों अधिकारी कोंच प्रखंड के अचुकी गांव में 70 एकड़ में मेंथा की खेती का अवलोकन किया.

अधिकारियों के किसानों के खेत पर भ्रमण करने से किसानों में उत्साह दिखा. वहीं, गुरारू प्रखंड के कनौसी ग्राम में नरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में 40 एकड़ में मेंथा की खेती हो रही है. कृषि मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के अंतर्गत गेहूं की कटाई के बाद और धान की रोपाई से पहले सुगंधीय पौधे मेंथा ऑयल की खेती के लिए 100 हेक्टेयर का लक्ष्य गया में निर्धारित है.

ठंडे तेल में होता है उपयोग
मेंथा का ठंडे तेल, ठंडे पाउडर, पिपरामिंट, पेन वाम व दवा में उपयोग होता है. डॉ. प्रेम कुमार के मुताबिक मेंथा तेल की बिक्री पिछले साल 1200 रुपये प्रति लीटर की दर से हुई है. मंत्री ने कहा कि डिस्टिलेशन मशीन पर राज्य सरकार 50 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है. वहीं, सहायक निदेशक ओम प्रकाश मिश्रा ने बताया कि मंत्री के प्रयास से गया जिला को 100 हेक्टेयर में मेंथा की खेती के लिए किसानों को अनुदान देने का लक्ष्य है. इससे बहुत से किसान लाभान्वित होंगे.

खेत पर निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी

खिजरसराय व वजीरगंज में भी हो रही खेती
खिजरसराय के किसान राणा संजय सिंह शिवनगर में 25 एकड़ में, अतरी के किसान संजय सिंह पियार गांव में 30 एकड़ में और वजीरगंज के किसान ओम प्रकाश सिंह एवं अमरेन्द्र सिंह कछुआ गांव में 40 एकड़ में मेंथा की खेती कर रहे हैं. इसके अलावा अन्य किसानों से भी इसकी खेती करवा रहे हैं. बता दें कि बता दें कि कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के निर्देश पर दोनों अधिकारियों ने औषधीय मेंथा की खेती का जायजा लिया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details