गया:विभिन्न देशों से लगभग 19 विदेशी महिला श्रद्धालु अपने पितरों के तर्पण-अर्पण के लिए मोक्ष की धरती गया पहुंची हैं. उन सभी ने गया के विष्णुपद में फल्गु नदी के देवघाट पर पिंडदान किया. सभी विदेशी महिलाएं सनातन धर्म की परंपरा के अनुसार भारतीय वेशभूषा में कर्मकांड का विधिवत विधान संपन्न किया. इनके साथ कई बच्चे भी गया-दर्शन को आए हैं.
गया मोक्ष व ज्ञान की भूमि है, यही वजह है यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग अपने पितरों की मुक्ति लिए पिंडदान करने के लिए आते हैं.
पिंडदान करने गया पहुंची 19 विदेशी महिलाएं, कहा- पितरों के तर्पण-अर्पण करके मिली आत्म सन्तुष्टि - sanatan dharam
महिला श्रद्धालुओं में रूस, नाइजीरिया, साउथ अफ्रीका सहित कई और देशों के लोग हैं. पंडा गोपाल लाल कटियार के नेतृत्व में पुजारी लोकनाथ गौड़ दास के द्वारा इस पिंडदान के कर्मकांड विधि-विधान संपन्न करवाया गया.
कहां-कहां से पहुंचे लोग
बता दें कि इन महिला श्रद्धालुओं में रूस, नाइजीरिया, साउथ अफ्रीका सहित कई और देशों के लोग हैं. पंडा गोपाल लाल कटियार के नेतृत्व में पुजारी लोकनाथ गौड़ दास के द्वारा इस पिंडदान के कर्मकांड विधि-विधान संपन्न करवाया गया. आने वाले कल यानी मंगलवार को प्रेतशिला सहित अक्षयवट में पिंडदान करके पितरों का तर्पण-अर्पण का कर्मकांड विधि विधान संपन्न होगा.
सनातन धर्म के बारे में क्या कहते हैं विदेशी
रूस के वैदिक धर्मगुरु नताशा शेफरोना की शिष्या विदेशी महिला ने बताया कि जब से उन्हें सनातन धर्म के बारे में जानकारी हुई थी, तब से वे गया आने का बहुत इच्छुक थी. वे पहले पितृपक्ष मेला में आना चाहती थी, लेकिन नहीं आ पाई. इस बार उन्हें इस्कॉन संस्था की मदद से गया आने का मौका मिला है. वे यहां आकर बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं.
धार्मिक तौर पर गया सनातन धर्म मे विशेष महत्व रखता है. उन्होंने यह भी कहा कि अपने पितरों के तर्पण-अर्पण करके उन्हें आत्म सन्तुष्टि मिली है.