मोतिहारी: नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ पूरे देश में धरना प्रदर्शन हो रहा है. जिले में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. शुक्रवार को नमाज के बाद अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं ने उर्दू लाईब्रेरी के पास सीएए के खिलाफ आवाज बुलंद की. इस दौरान काफी संख्या में पुरुष और बच्चे भी मौजूद रहे.
दिल्ली के शाहीन बाग की तरह मोतिहारी में भी धरने के दौरान प्रदर्शनकारी हाथों में 'नो सीएए, नो एनआरसी' लिखी तख्तियां लिए नजर आए. प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जल्द से जल्द इस कानून को वापस लेने की मांग की.
धरने पर बैठी अल्पसंख्यक महिलाएं 'सीएए के खिलाफ पूरा देश है आंदोलित'
सीएए के खिलाफ धरने पर बैठे मो. मुमताज अहमद ने बताया कि सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाया, फिर भी लोग शांत रहे. लेकिन, अब सरकार सीएए लागू कर देश के संविधान को पलटने की साजिश कर रही है. जिसके खिलाफ पूरा देश आंदोलित है.
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'लोगों को बांटने वाला कानून मंजूर नहीं'
वहीं, धरने पर बैठी अल्पसंख्यक महिला सायदा इस्लाम ने बताया कि सरकार देश का नागरिक होने का सबूत मांग रही है, जबकि सरकार को शिक्षा व्यवस्था, बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर बात करनी चाहिए. सरकार देश को धर्म के नाम पर बांट रही है. लेकिन, ये तानाशाही नहीं चलेगी, क्योंकि ये लोकतंत्र है.