मोतिहारी: बिहार में अपराध का ग्राफ प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. आए दिन चोरी, डकैती, हत्या, लूट-खसोट और दुष्कर्म की वारदात हो रही है. आलम ये है कि अब लोग कहने लगे हैं कि फेल है पुलिस-प्रशासन, अब बिहार में बहुत डर लगता है. पिछले दिनों महिलाओं के साथ हो रहे अपराध में काफी बढ़ोतरी हुई है.
मोतिहारी जिले के लोगों ने महिलाओं के साथ हो रही वारदातों पर चिंता जाहिर की है. लोगों का गुस्सा अब दिखने लगा है. उन्होंने इसके लिए पुलिस-प्रशासन और सरकार को दोषी ठहराया है. जिले की गृहणियों की मानें तो आज के दौर में हमें सजग और सतर्क रहना होगा.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट जानें क्या कहती हैं गृहणियां...
गृहणी बिंटी शर्मा की मानें तो आज के दौर में हमें खुद में सजग और सतर्क रहना होगा. महिलाओं के साथ हो रहे मामलों पर बिंटी का मानना है कि बच्चों में कहीं ना कहीं अच्छे संस्कार का अभाव है. उनका कहना है कि सरकार से जो बन रहा है, वह किया जा रहा है. लेकिन, हमें शुरुआत घर से करनी होगी. अपने बेटों को सही संस्कारों से भरना होगा ताकि वो लड़कियों को बराबर सम्मान दें.
'नहीं है लोगों में सिस्टम का खौफ'
डॉक्टर हेना चंद्रा का कहना है कि लोगों के बीच सिस्टम का खौफ नहीं है. उन्होंने कहा कि सिस्टम का खौफ अगर लोगों के बीच होगा तो अपराधी किसी भी घटना को अंजाम देने से पहले सौ बार सोचेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि बढ़ती वारदातों के पीछे लोगों की विकृत मानसिकता भी जिम्मेदार है.
वरिष्ठ पत्रकार और छात्र की राय
पत्रकार सतीश मिश्रा ने बढ़ रहे अपराध और दुष्कर्म के लिए व्यवस्था को दोषी ठहराया है. सतीश मिश्रा के अनुसार टीवी पर दिखाए जा रहे कार्यक्रम भी युवाओं को गलत रास्ते पर ले जाने में सहायक साबित हो रहे हैं. वहीं, छात्रों ने तो सीधे तौर पर पुलिस और सरकार को फेल बताया है. छात्र मो. अनस कहते हैं कि बिहार में अपराध चरम पर है. अखबार,टीवी सभी जगह केवल क्राइम की ही खबरें हैं. आलम ये है कि घर से बाहर रहने पर डर लगता है.