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लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही जातीय गोलबंदी तेज, राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए कानू समाज दिखाएगा ताकत

Motihari Kanu Samaj: पूर्वी चंपारण जिला में जातीय गोलबंदी शुरू हो गई है.राजनीतिक हिस्सेदारी को लेकर विभिन्न जातियां अभी से अपनी ताकत दिखाने में जुट गईं हैं. कानू समाज के लोगों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए सात जनवरी को सम्मेलन करेंगे. पढ़ें पूरी खबर.

मोतिहारी में कानू एकता सम्मेलन
मोतिहारी में कानू एकता सम्मेलन

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 5, 2024, 11:02 PM IST

मोतिहारी में कानू एकता सम्मेलन

मोतिहारीःलोकसभा चुनाव को लेकर पूर्वी चंपारण जिला में जातीय गोलबंदी शुरू हो गई है. राजनीतिक हिस्सेदारी को लेकर विभिन्न जातियां अभी से अपनी ताकत दिखाने में जुट गई है. कानू समाज के लोगों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए आगामी सात जनवरी को कानू एकता सह सम्मान समारोह का आयोजन किया है. जिसमें राज्य के विभिन्न जिला के कानू समाज के लोगों के अलावा देश के अन्य राज्यों से भी उस समाज के लोग शामिल होंगे.

मोतिहारी में कानू एकता सम्मेलन:कानू एकता सह सम्मान समारोह के संयोजक व पूर्व वार्ड पार्षद रमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि कानू एकता सम्मेलन ऐतिहासिक होगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो जातीय जनगणना करायी है. वह सही नहीं है, लेकिन अगर उसके आंकड़े को भी माने तो अति पिछड़ा में सबसे अधिक संख्या हमारे कानू समाज की है. हर क्षेत्र में हमारी भागीदारी शून्य है. शिक्षा के क्षेत्र में हमारा समाज पिछड़ा है तो राजनीतिक क्षेत्र में भी सबल नहीं है.

राजनीतिक भागीदारी की मांग:उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य अपने समाज के लोगों को एक मंच पर लाकर उन्हें संगठित, सबल और शिक्षित करना है. समाज के लोग जब शिक्षित होंगे तो वे सबल हो जायेंगे. जब सबल हो जायेंगे तो राजनीतिक भागीदारी भी मिल जाएगी.

7 जनवरी को होका सम्मान समारोह:कानू एकता सह सम्मान समारोह के संयोजक व पूर्व वार्ड पार्षद रमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि "जिला मुख्यालय स्थित गांधी सभागार में कानू एकता सह सम्मान समारोह का आयोजन सात जनवरी को होना है. जिसमें शामिल होने के लिए देश और राज्य के अलावा नेपाल एवं भूटान में रह रहे कानू समाज के लोग भी शामिल होने आ रहे हैं."

ऐतिहासिक होगा कानू एकता सम्मेलन: उन्होंने बताया कि समारोह को लेकर सारी तैयारियां पूरी है. कानू समाज के लोगों को समारोह में शामिल होने के लिए गांव-गांव आमंत्रण रथ भेजा गया था. ताकि कानू समाज के लोग ज्यादा-से-ज्यादा समारोह में शामिल हो सके. इस समारोह के ऐतिहासिक होने का विश्वास कानू समाज के नेता जता रहे हैं.

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