मोतिहारी : सरकार ने मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी कर दिया है. बावजूद इसके पूर्वी चंपारण के मक्का उत्पादक किसान परेशान है. किसानों को मक्का का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है और लॉकडाउन के कारण पैसे की तंगी से जूझ रहे किसान सस्ते दाम में मक्का बेचने को मजबूर हैं. लॉकडाउन के कारण देश की मक्का आधारित सभी फैक्ट्रियां बंद है. बाहर के व्यापारी आ नहीं रहे हैं. स्थानीय व्यापारी किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर मक्का को कम कीमत में खरीदकर उसे स्टॉक करने में लगे हैं. हालांकि, जिलाधिकारी ने मक्का किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देशित दिया है.
किसान कम कीमत में बेच रहे हैं मक्का
मक्का उत्पादक किसान मुक्ति नारायण साह ने ईटीवी भारत को बताया कि इस साल मक्के का कोई रेट नहीं है. लागत निकालना मुश्किल है. उन्होंने बताया कि जब वे लोग व्यापारी के पास अपना मक्का लेकर जाते हैं, तो वह अपने रेट पर मक्का खरीदता है. मुक्ति नारायण के अनुसार वह कर्ज लेकर खेती किये थे. कर्ज का पैसा साहूकार को देने के लिए वह मजबूरी में कम दाम में मक्का बेच रहा है.
लॉकडाउन के कारण मक्का का नहीं मिल रहा है दाम
दुखनी देवी ने बताया कि उसके खेत में काफी मक्का बचा हुआ है, जबकि आधा मक्का को वह दरवाजे पर लेकर आई, लेकिन उसका दाम नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण व्यापारी मक्का का उचित दाम नहीं दे रहें है. वहीं पार्वति कुंवर ने बताया कि इस साल मक्का की खेती ज्यादा लोगों ने की है और बाहर के व्यापारी नहीं आ रहे हैं. जिस कारण मक्का का रेट नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले साल 1,800 से लेकर 2,500 रुपया प्रति क्विंटल बिका था, लेकिन इस साल 1,000 रुपया प्रति क्विंटल व्यापारी खरीद रहे है.