मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला के तुरकौलिया के चर्चित विवेक सिंह हत्याकांडमें कोर्ट ने तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा (Court sentenced three people to life imprisonment) सुनाई है. 19वीं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह ने भुमि विवाद में गोली मारकर हत्या कर देने के मामले में दूसरे पक्ष के नामजद पिता व दो पुत्रों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं दो अभियुक्तों को एक-एक लाख रूपये तथा हत्या सहित आमर्स एक्ट में दोषी अभियुक्त को एक लाख पांच हजार रूपया आर्थिक जुर्माना भी लगाया है. ये सजा तुरकौलिया स्कूल चौक निवासी ब्रजकिशोर सिंह उर्फ बृजकिशोर सिंह और उनके पुत्र गोलू कुमार उर्फ अनिकेत कुमार तथा राहुल कुमार को सुनाई गई है.
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जानिए क्या है पूरा मामला: तुरकौलिया थाना के मंझार गांव के रहने वाले शैलेश कुमार ने तुरकौलिया थाना में एक प्राथमिकी कांड संख्या 296/2021 दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 7 अप्रैल 2021 की सुबह करीब 9.30 बजे शैलेश कुमार परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपने दरवाजे पर थे. तभी उसके पट्टीदार ब्रजकिशोर सिंह, उनके पुत्र गोलू कुमार और राहुल कुमार समेत चार लोग शैलेश कुमार और उसके परिजनों के साथ गाली-गलौज करने लगे. जिसके बाद शैलेश और उसके भाई विवेक ने उसे गाली देने से मना किया. गाली देने से मना करने के बाद ब्रजकिशोर सिंह के कहने पर गोलू ने विवेक के सीने में गोली मार दिया. गोली लगने के बाद गंभीर हालत में इलाज के लिए उसे सदर अस्पतला ले जाया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस घटना में बृजकिशोर सिंह सहित चार को नामजद किया गया था. लेकिन अनुसंधानकर्ता ने पर्यवेक्षण के बाद तीन के विरूद्ध हीं न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया था.
गवाहों के बयान के आधार पर हुई सजा:सत्रवाद संख्या-368/2021 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक रमेश प्रसाद सिंह ने आठ गवाहों को न्यायायल में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा. वहीं बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता डा. नरेंद्र देव ने अपनी दलीलें पेश की थी. न्यायाधीश ने सत्रवाद विचारण के बाद विगत 17 दिसंबर को नामजद तीनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया था. दोषी करार होने के समय अभियुक्त राहुल कुमार न्यायालय में उपस्थित नहीं था. तब न्यायाधीश ने पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया था कि अभियुक्त राहुल को न्यायालय में प्रस्तुत करें. न्यायाधीश ने सजा की बिंदू पर सुनवाई करते हुए धारा 341, 302 और आमर्स एक्ट में दोषी पाते हुए तीनों नामजद अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
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