मोतिहारी: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीतिक में एंट्री (Prashant Kishor entry in Bihar politics) की घोषणा कर सियासी गलियारों का तापमान बढ़ा दिया है. उनके इस ऐलान के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. बीजेप के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर के राजनीति में आने की घोषणा पर व्यंगात्मक शैली (Sanjay Jaiswal on Prashant Kishor entry in Bihar politics) में जबाब दिया है. साथ ही उन्होंने जातीय जनगणना को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा.
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असफल प्रयास कर चुके हैं पीके: बेतिया से सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि जब भी कहीं पर चुनाव आता है तो आठ दस लोगों को राजनीति में आने का शौक जग जाता है. चुनाव बाद उनका नशा उतर जाता है. यह लोकतंत्र है और यहां सबको चुनाव लड़ने की आजादी है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर इससे पहले भी ऐसा असफल प्रयास कर चुके हैं. अपना भाग्य आजमा चुके हैं.
जातीय जनगणना नहीं करायेगा केंद्र: जातीय जनगणना पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का स्टैंड क्लीयर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तय करना है कि वह क्या करेंगे. मोतिहारी एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि यह नीतीश कुमार की इच्छा पर निर्भर करता है कि उन्हें राज्य में जातीय जनगणना कराना है या नहीं कराना है. इस मुद्दे पर मोदी सरकार की नीति को स्पष्ट करते हुए कहा बीजेपी सांसद ने कहा कि कि केंद्र सरकार किसी भी कीमत पर जातीय जनगणना नहीं करायेगी.
अभी नई पार्टी नहीं बनाएंगे:वहीं, पॉलिटिकल स्ट्रेटजिस्ट प्रशांत किशोर ने गुरुवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर साफ कर दिया कि वो नई पार्टी नहीं बनाएंगे. हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि बिहार की दशा और दिशा बदलने की जरूरत है. आने वाले 10-15 साल में बिहार को अग्रणी श्रेणी में आना है, लेकिन जिन रास्तों पर बिहार अभी चल रहा है उससे ये संभव नहीं हो सकता हैं. बिहार आज 30 साल के लालू और नीतीश के राज के बाद भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है. विकास के कई मानकों पर बिहार आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है. बिहार अगर आने वाले समय में अग्रणी राज्यों की सूची में आना चाहता है तो इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल 'बिहार की दशा और दुर्दशा ठीक नहीं' : प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि, 'आने वाले 10-15 साल और इनमें यदि बिहार को अग्रणी की श्रेणी में आना है तो जिन रास्तों पर बिहार चल रहा है उससे नहीं पहुंच सकता हैं. इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है. कोई भी व्यक्ति यह दावा नहीं कर सकता है कि यह सोच और नई प्रयास की क्षमता किसी एक व्यक्ति के पास है. बिहार के लोग जब तक मिलकर इस सोच के पीछे ताकत नहीं लगाएंगे तब तक बिहार की दशा और दुर्दशा ठीक नहीं हो सकती है.'
'अगर पार्टी बनाएंगे तो वो अकेले pk की पार्टी नहीं होगी' : पीके ने कहा कि, जो बिहार को बदलना चाहते हैं, उन्हें आगे आना चाहिए. मैं कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बना रहा, इसकर कोई घोषणा नहीं कर रहा. प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री बनना या बनाना यह एक के चुनावी प्रक्रिया है लेकिन मैं यह बात पक्के तौर पर कह सकता हूं कि अगर हमने पार्टी बनाई तो यह अकेले प्रशांत किशोर की पार्टी नहीं होगी, यह उन लोगों की भी पार्टी होगी जो साथ में जुड़ेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार से इस अभियान की शुरुआत करने के पीछे मकसद यह है कि बिहार का इतिहास सबसे ज्यादा गौरवशाली रहा है.
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