मोतिहारी: कई महीने तक लगे संपूर्ण लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने के बाद ऑटो चालकों की जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही थी. लेकिन फिर से लागू किए गए लॉकडाउन ने परेशानी बढ़ा दी है. लॉकडाउन के कारण लोग घरों तक सिमट कर रह गए हैं. अनावश्यक यात्राओं से परहेज कर रहे हैं. दूसरी तरफ सरकार के निर्देश पर सड़कों पर दौड़ रहे ऑटो को सवारी नहीं मिल रहा है.
सवारी का इंतजार करते ऑटो चालक ऑटो चालक सवारी के इंतजार में घंटो एक चौक से दूसरे चौक तक घूमते रहते हैं. जबकि शहर में फिलहाल मात्र बीस प्रतिशत ही लॉकडाउन में ऑटो सड़क पर चल रहे हैं. फिर भी उन्हें सवारी नहीं मिल रहा. ऑटो चालकों का कहना है कि आवश्यक कार्य से निकले लोग उचित भाड़ा भी देने में आना-कानी कर रहे हैं. वहीं, बैंक और फाइनेंसर ऑटो का किस्त देने के लिए दबाव बना रहे हैं. ऐसे में उनके समक्ष बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है.
भुखमरी के कगार पर ऑटो चालक
ऑटो चालक मो. शमसुल आलम ने बताया कि पहले लॉकडाउन से उबर भी नहीं पाए थे कि फिर से लॉकडाउन हो गया. कमाई नहीं होने के बाद भी बैंक किस्त जमा करने के लिए दबाव बना रहा है. वहीं, मो. फिरदौस खान का कहना है कि लॉकडाउन के कारण पैसेंजर नहीं मिल रहा. जो लोग जरूरी काम से निकल रहे हैं उनसे डीजल के बढ़ रहे दाम का हवाला देकर थोड़ा ज्यादा पैसा मांगने पर पैसेंजर मारपीट पर उतारू हो जा रहे हैं.
ऑटो चालक संघ ने लगाई गुहार
ऑटो चालक संघ के जिलाध्यक्ष शकील राजा ने राज्य सरकार से ऑटो चालकों को आर्थिक मदद देने की मांग की है. ताकि मदद मिलने पर चालकों को कुछ राहत मिल सके. उन्होंने कहा कि बस बंद है और लंबी दूरी की एक-दो ट्रेन चल रही है. इस कारण ऑटो को सवारी नहीं मिल रहा. मुश्किल से सवारी मिलता भी है तो दो से ज्यादा पैसेंजर बैठाने की अनुमति नहीं है. इस स्थिति में ईंधन के खर्चे की भरपाई के लिए ज्यादा पैसा कोई पैसेंजर दे नहीं रहा है.
ऑटो चालक संघ के जिलाध्यक्ष शकील राजा शर्त्तों के साथ ऑटो परिचालन की है अनुमति
बता दें कि कोरोना संक्रमण के खतरा को देखते हुए राज्य सरकार ने 31 जुलाई तक लॉकडाउन की है. इस लॉकडाउन में सरकार ने कुछ चीजों में छूट दी है जिसमें ऑटो के परिचालन को कुछ शर्त्तों के साथ अनुमति दी गई है. लेकिन लॉकडाउन के कारण लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं और चालक सवारी के इंतजार में सड़कों पर दौड़ रहे हैं.